बिहार में जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। कई दिक्कतें और विरोध के बावजूद, सरकार ने ये काम जारी रखने को कहा है। आम लोग रिश्वतखोरी से परेशान हैं। अपने जरूरी कागजात के लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई लोगों का काम महीनों से अटका पड़ा है। इसी बीच भूमि सुधार विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। इससे अब अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी को सतर्क रहना होगा।

मंत्री दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक में कई निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि जमीन से जुड़े विवादों का समय पर समाधान ना होने से विभाग की छवि खराब हो रही है। डीसीएलआर से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिना उचित कारण के लंबे समय तक काम लटकाने से विभाग की छवि खराब हो रही है और कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारियों की कमजोर इच्छा शक्ति को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुश्किल समस्या है या गंभीर विवाद है तो वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लेकर फैसला लेना चाहिए। जरूरत पड़ने पर कानूनी सलाह भी ली जा सकती है, लेकिन किसी भी काम को लंबे समय तक लटका कर नहीं रखना चाहिए।

मंत्री जयसवाल ने सभी डीसीएलआर को नियमित रूप से अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मचारियों के काम पर बारीकी से नजर रखें। ऐसा करने से अंचल अधिकारी और राजस्व अधिकारी को भी यह एहसास होगा कि कोई है जो उनके काम पर नजर रख रहा है और आम आदमी का काम नहीं रुकेगा।

भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह को राजस्व विशेषज्ञों का एक पैनल बनाने का निर्देश दिया है। ताकि विवादों का जल्दी निपटारा हो सके और लंबित मामलों में कमी आये।