Patna News Today: बिहार में दो सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग समेत जमीन बेचने का मामला सामने आया है। पूर्वी चंपारण जिले में यह घोटाला हुआ है। सीओ ने स्कूल की जमीन निजी लोगों के नाम कर दी। विधानसभा में यह मुद्दा बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने उठाया। राजस्व मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही, जमीन संबंधी कामों में देरी करने वाले 139 सीओ का वेतन भी रोक दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, पूर्वी चंपारण के फुलवरिया और पचपकड़ी के हाई स्कूलों की जमीन और बिल्डिंग की रजिस्ट्री निजी लोगों के नाम पर हो गई। सीओ ने दाखिल-खारिज करके जमाबंदी भी कर दी। गुरुवाक को यह मामला विधानसभा में गूंजा। बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने ढाका से यह सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र के दो सरकारी स्कूल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फुलवरिया और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचपकड़ी की जमीन और बिल्डिंग को सीओ ने निजी व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर जमाबंदी कर दिया।

डीएम ने इस मामले की जांच की थी और रिपोर्ट सरकार को भेजी थी। रिपोर्ट में इस गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी। फिर भी संबंधित सीओ, अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पवन जायसवाल ने कहा कि पूर्वी चंपारण के डीएम ने इस मामले की जांच की थी और रिपोर्ट सरकार के पास भेजी थी। इसमें इस हेराफेरी को स्वीकार किया गया था। इसके बावजूद सरकार ने संबंधित सीओ के साथ-साथ अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री बने अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, इसलिए कार्रवाई में देरी हुई। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक महीने के अंदर सभी दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, जमीन के दाखिल-खारिज और जमाबंदी में देरी के एक अन्य सवाल पर मंत्री ने कहा कि इसमें गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि 139 सीओ का वेतन रोक दिया गया है। मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर अधिकारी नहीं सुधरे तो आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सुस्त अंचलाधिकारियों की सूची तैयार कर ली गई है। विभाग अब कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।