बिहार शिक्षा विभाग का 'स्पेशल' फरमान, 60 मिनट वाली बात शिक्षकों के साथ छात्रों को भी जानना चाहिए

Bihar Education Department: बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाई में मदद की जरूरत है। शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ने और गणित की क्षमता सुधारने का फैसला लिया है। इसके लिए हर रोज स्पेशल क्लास और हर सोमवार को टेस्ट होगा।

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में लाखों शिक्षकों की नियुक्ति के बावजूद तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों का पढ़ना-लिखना और गणित अभी भी कमजोर है। शिक्षा विभाग ने खुद 1000 स्कूलों के 25000 बच्चों की जांच करके यह पाया है। अब विभाग ने सभी स्कूलों में रोजाना एक घंटे की स्पेशल रीडिंग क्लास और मैथ्स की क्लास लगाने का आदेश दिया है। हर सोमवार को टेस्ट भी होगा। ये सब अगले तीन महीनों तक चलेगा ताकि बच्चों का बेस मजबूत हो।

रोजाना एक घंटे की स्पेशल क्लास

दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने हाल के दिनों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की है। फिर भी बच्चों के सीखने में सुधार नहीं दिख रहा है। विभाग ने तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों की पढ़ने और गणित की क्षमता की जांच की। नतीजे बताते हैं कि बच्चों को किताब पढ़ने और जोड़-घटाव, गुणा-भाग करने में अभी भी दिक्कत है। इसलिए अब विभाग ने नया प्लान बनाया है।

क्लास टीचर को करने होंगे ये काम

इस प्लान के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी बच्चों के लिए रोजाना एक घंटे की स्पेशल क्लास होगी। एक क्लास रीडिंग की होगी, जिसमें बच्चे किताब पढ़ेंगे। दूसरी क्लास मैथ्स की होगी, जिसमें बच्चों को जोड़-घटाव, गुणा-भाग सिखाया जाएगा। यह काम कक्षा के टीचर ही करेंगे। वे हर बच्चे को अलग-अलग ध्यान देंगे।

चलेंगी स्पेशल क्लासेस

शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षण सत्र के समाप्त होने में तीन महीने का समय शेष है। लगभग 90 दिनों की शेष अवधि में सभी विद्यालयों में प्रतिदिन कक्षा 1 से 8 तक छात्र के लिए Basic Math और Maths के प्रश्नों को त्वरित गति से हल करना अनिवार्य रूप से सिखाया जाए। मतलब साफ है कि अगले तीन महीने, यानी लगभग 90 दिनों तक यह स्पेशल क्लासेस चलेंगी। हर दिन बच्चों को बेसिक मैथ्स और मैथ्स के सवाल जल्दी हल करना सिखाया जाएगा।

हर रोज एक घंटे की रीडिंग क्लास

रीडिंग स्किल सुधारने के लिए भी खास इंतजाम किया गया है। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी विद्यालयो में कक्षा 01 से 08 तक के छात्र के लिए प्रतिदिन एक घंटा Reading Class अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए, जिसमें प्रत्येक बच्चा को पाठ्‌यपुस्तक पढ़ना सिखाया जाए। यानी हर रोज एक घंटे की रीडिंग क्लास होगी, जहां हर बच्चे को किताब पढ़ना सिखाया जाएगा।

सोमवार को होगा टेस्ट

बच्चों की प्रोग्रेस देखने के लिए हर सोमवार टेस्ट होगा। पहले घंटे में रीडिंग टेस्ट होगा और दूसरे घंटे में मैथ्स का टेस्ट। रविवार को टीचर बच्चों को होमवर्क देंगे ताकि वे सोमवार के टेस्ट की तैयारी कर सकें। शिक्षा विभाग चाहता है कि SCERT टेस्ट पेपर तैयार करे। लेकिन अगर SCERT के पेपर नहीं मिलते हैं, तो टीचर खुद ही पेपर बनाकर बच्चों का टेस्ट लेंगे।

डीईओ करेंगे निगरानी

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के DEO को निर्देश दिए हैं कि वे इस काम पर नजर रखें। DEO को रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। उन्हें देखना होगा कि स्कूलों में ये स्पेशल क्लासेस और टेस्ट हो रहे हैं या नहीं। विभाग चाहता है कि सभी स्कूल इन निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। यह एक अभियान की तरह चलाया जाएगा ताकि बच्चों का बेस मजबूत हो सके और वे आगे की पढ़ाई के लिए तैयार हो सकें।

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