बिहार में जहरीली शराब ने फिर कहर बरपाया है। सिवान और सारण जिलों में मिलाकर अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों ने कथित तौर पर जहरीली शराब पी थी जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है और विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

सिवान जिले के मगहर और औरैया पंचायतों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। वहीं सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर इलाके में भी लोगों की मौत हुई है। दोनों जिलों से मिलाकर 25 से अधिक लोगों का इलाज सिवान, सारण और पटना के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है।

पुलिस ने बताया है कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल पाएगा। इस बीच दोनों जिलों के प्रशासन ने मगहर, औरैया और इब्राहिमपुर क्षेत्रों के तीन चौकीदारों को निलंबित कर दिया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। कम से कम पांच स्थानीय पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

वहीं, घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख व्यक्त किया है और संबंधित अधिकारियों को मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने लोगों से शराब न पीने की अपील की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने और अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

बयान में आगे कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने मद्यनिषेध और उत्पाद विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल और बिहार पुलिस के एडीजी (मद्यनिषेध) को व्यक्तिगत रूप से उस क्षेत्र का दौरा करने और घटना की गहन जांच करने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं, पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।

उन्होंने कहा आगे कहा कि इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों लोग मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।

तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि कितने भी लोग मारे जाएं लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो। इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या मुख्यमंत्री ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई करने और सोचने में सक्षम तथा समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से ही शराबबंदी लागू है। इसके बावजूद राज्य में जहरीली शराब से मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।