बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू होते ही गड़बड़ी और परेशानियों का दौर शुरू हो गया है। सर्वे अमीन नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं, वहीं रैयतों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार का दावा है कि जमीन सर्वे के लिए पूरी तैयारी की गई थी, लेकिन लोगों का कहना है कि आधी-अधूरी तैयारी के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ते विवाद को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वे की समय सीमा बढ़ा दी है।

बिहार में भूमि सर्वेक्षण के लिए नियुक्त किए गए अमीन नौकरी छोड़कर जा रहे हैं, जिससे सर्वेक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। हालांकि, अमीनों द्वारा नौकरी छोड़ने के पीछे के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है, लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस्तीफा देने वाले अमीनों के त्यागपत्र स्वीकार कर लिए हैं। भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, समस्तीपुर में तैनात दो अमीन, संदेश कुमार और प्रदीप कुमार ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। संदेश कुमार ने 20 अगस्त 2024 को और प्रदीप कुमार ने 4 सितंबर 2024 को अपना त्यागपत्र दिया था। बंदोबस्त पदाधिकारी ने दोनों अमीनों के त्यागपत्रों को स्वीकृति के लिए अनुशंसा की है।

भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक जे प्रियदर्शनी ने 27 सितंबर को जारी आदेश में कहा है कि इन दोनों संविदा अमीन द्वारा दिए गए त्यागपत्र की स्वीकृति दी जाती है। अगर शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तब नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसका मतलब साफ है कि अगर इन अमीनों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल निदेशालय दोनों अमीनों के प्रमाण पत्रों की जांच कर रहा है।