OMG! 44 साल बाद CO-RO ने बदल दिया जमीन मालिक, राज खुला तो डीएम को मिला कमान; जानें पूरा मामला

Bihar Land Survey: दरभंगा के बेनीपुर में 44 साल पहले बेची गई जमीन पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। सीता राम राय ने 1980-81 में यह जमीन खरीदी थी। उनके बेटे वृजबिहारी राय का आरोप है कि जमीन के पुराने मालिक के पोतों ने फर्जी कागजात बनवाकर जमीन अपने नाम करवा ली है।

बिहार के दरभंगा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां 44 साल पहले बेची गई जमीन को लेकर फर्जीवाड़ा किया गया है। बेनीपुर में एक व्यक्ति ने सीओ, आरओ और राजस्व कर्मचारी पर जमीन के जाली कागजात बनाकर दोबारा जमाबंदी कराने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने मामले में डीएम को जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल, बेनीपुर के रहने वाले वृजबिहारी राय ने कोर्ट में केस दर्ज कराया है। उनका कहना है कि उनके पिता ने 1980 और 1981 में दो बीघा छह कठ्ठा जमीन खरीदी थी। पिता की मौत के बाद उन्होंने और उनके भाइयों ने अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ जमीन बेच दी। कुछ लोगों ने तो उस जमीन पर मकान भी बना लिए हैं।

वृजबिहारी राय का आरोप है कि 44 साल पहले जिन लोगों को उनके पिता ने जमीन बेची थी, उनके पोतों ने सीओ, आरओ और राजस्व कर्मचारी से मिलकर जमीन के फर्जी कागजात बनवा लिए हैं। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दोबारा अपने नाम जमाबंदी करवा ली है और मालगुजारी की रसीद भी हासिल कर ली है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए बेनीपुर के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संगीता रानी की अदालत ने बेनीपुर के सीओ अश्वनी कुमार, राजस्व पदाधिकारी अश्वनी कुमार राय और राजस्व कर्मचारी सुधीर कुमार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने डीएम को मामले की जांच कर 4 दिसंबर को सभी दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए हैं।

वृजबिहारी राय ने 12 नवंबर 2024 को कोर्ट में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई 13 नवंबर को हुई। वृजबिहारी राय ने बताया कि मेरे पिता स्वर्गीय सीताराम राय ने दो बीघा छह कठ्ठा जमीन रजिस्ट्री वर्ष 1980 और 1981 में खरीद की थी। जिसपर वह वर्षों से खेती करते आ रहे है। पिता की मौत के बाद हम तीनों भाई ने अपने आवश्यकता अनुसार कुछ जमीन बेची थी जो जमीन बेचे गए लोगो के कब्जे में भी है। कुछ लोग तो वर्षो से उक्त जमीन पर घर बनाकर भी रहते है।

उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में ट्विस्ट तब आया जब 44 वर्ष पहले मेरे पिता के हाथों जमीन बेचने वाले रामयुगल सिंह और सोनझारी देवी के पौत्रों ने कर्मचारी, आरओ और सीओ के कार्यालय से जमीन का जाली कागजात बनवाकर उक्त सभी जमीन का गलत दाखिल खारिज दिखाकर दोबारा अपने नाम से जमाबंदी कायम कराकर मालगुजारी रसीद प्राप्त कर लिया है।

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