बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दौरान सरकार 'शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968' का उपयोग करके अवैध जमाबंदी रद्द कर रही है। इससे कई लोगो के मन में सवाल उठ रहे हैं कि ये कैसे हो रहा है और शत्रु संपत्ति अधिनियम क्या है? आइये जानते हैं पूरा मामला।

दरअसल, 'शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968' के तहत भारत सरकार उन संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले सकती है जो पाकिस्तानी नागरिकों के नाम हैं। सरल शब्दों में कहे तो अगर कोई व्यक्ति भारत छोड़कर पाकिस्तान चला गया और उसकी कोई संपत्ति यहां रह गयी, तो उसे सरकारी संपत्ति घोषित किया जा सकता है।

यह अधिनियम भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बनाया गया था। इसमें उन लोगों की संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' घोषित किया गया जो 1965 या 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान चले गए थे। गृह मंत्रालय इस नियम को लागू करता है।

बिहार में इस नियम को लेकर इसलिए चर्चा है, क्योंकि हाल ही में भोजपुर जिले में 68 डिसमिल जमीन की जमाबंदी रद्द कर दी गई। जांच में पता चला कि ये जमीन एक पाकिस्तानी नागरिक की है। इस तरह के कई मामले बिहार के आरा-खगड़िया में जारी जमीन सर्वे के दौरान आ चुके हैं।