बिहार के मुजफ्फरपुर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। किडनी कांड की शिकार महिला, सुनीता देवी की मौत हो गई है। साल 2022 में एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के दौरान उसकी दोनों किडनी निकाल ली थी। सोमवार को SKMCH में उसकी मृत्यु हो गई।

दरअसल, मामला जुलाई 2022 का है। सकरा थाने इलाके की रहने वाली सुनीता देवी को पेट दर्द की शिकायत के बाद डॉक्टर पवन कुमार के पास ले जाया गया था। डॉक्टर ने गर्भाशय निकालने के ऑपरेशन की सलाह दी। 3 सितंबर 2022 को बरियारपुर के शुभकांत क्लिनिक में यह ऑपरेशन किया गया।

हालांकि, ऑपरेशन के दो दिन बाद सुनीता देवी की हालत बिगड़ने लगी। जांच करने पर पता चला कि ऑपरेशन के दौरान उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई है। चौंकाने वाला खुलासा था जिससे पूरे राज्य में हंगामा मच गया। इस मामले में मुख्य आरोपी डॉक्टर आरके सिंह फरार हैं।

पुलिस ने आरोपित डॉक्टर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और अदालत के आदेश पर उनके घर की कुर्की भी की गई है, लेकिन अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। दूसरी ओर डॉक्टर पवन कुमार को दोषी ठहराया गया और उसे 7 साल की सजा सुनाई गई। मुख्य आरोपी का फरार होना कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

सुनीता देवी की मौत ने पूरे मामले को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह सवाल उठता है कि इतनी बड़ी वारदात के बाद भी पीड़िता को न्याय और उचित इलाज क्यों नहीं मिल पाया? किडनी के बिना जीने के लिए संघर्ष और इलाज में देरी ने उसकी हालत और खराब कर दी।

SKMCH में भर्ती रहने के दौरान भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। और सोमवार को उसकी मौत हो गई। सुनीता देवी की मौत की खबर मुजफ्फरपुर और पूरे बिहार में आग की तरह फैल गई। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक मासूम लोग ऐसी घटनाओं का शिकार होते रहेंगे और अपराधी कब तक कानून से बचते रहेंगे?