मिड डे मील में मिलावट... खिचड़ी में मिला खतरनाक रंग! अब बिहार से लेकर दिल्ली तक बवाल मचना तय

Bihar School Mid-Day-Meal: नई दिल्ली और बिहार में मिड-डे मील आपूर्ति करने वाले एनजीओ पर बच्चों को मिलावटी खाना परोसने के आरोप लगे हैं। फूड एवं सेफ्टी डिपार्टमेंट की जांच में खतरनाक मिलावट पाई गई। यह मिलावट बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।

Mid-Day-Meal: मिड-डे मील में मिलावट का बड़ा मामला सामने आया है। पूर्वांचल समाज सेवा संघ नाम का NGO दिल्ली और बिहार में बच्चों को मिलावटी खाना खिला रहा था। खगड़िया में लिए गए खाने के सैंपल में खतरनाक रंग और आयोडीन की कमी पाई गई। यह बच्चों की सेहत के लिए बहुत बुरा है। NGO ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जांच रिपोर्ट से सब कुछ साफ हो गया।

दरअसल, पूर्वांचल समाज सेवा संघ नाम का एक NGO दिल्ली और बिहार में मिड-डे मील देता है। इस NGO पर बच्चों को मिलावटी खाना खिलाने का आरोप है। खगड़िया जिले के बलुआही में NGO के किचन से फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने खाने के सैंपल लिए। पटना के अगमकुआं लैब में इन सैंपलों की जांच हुई। रिपोर्ट में कई खतरनाक चीजें सामने आईं।

खिचड़ी में मेटानील येलो रंग मिलाया गया था। यह रंग सेहत के लिए बहुत खराब होता है। खाने में इसका इस्तेमाल गैरकानूनी है। नमक में आयोडीन की भी कमी थी। नमक में 15 PPM आयोडीन होना चाहिए, लेकिन सैंपल में सिर्फ 5.3 PPM ही था। आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो सकता है।

जांच रिपोर्ट के बाद बेगूसराय के खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने खगड़िया के अधिकारी को केस चलाने को कहा। लेकिन NGO ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करके मामले को दबाने की कोशिश की। 1 अगस्त 2024 को लाइसेंस की रिपोर्ट आई थी। लेकिन 24 सितंबर 2024 को NGO ने अपना लाइसेंस रिन्यू करवा लिया। यह साफ दिखाता है कि NGO ने गलती छिपाने की कोशिश की।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि खिचड़ी में मिला रंग और नमक में आयोडीन की कमी बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है। मेटानील येलो रंग सेहत पर बुरा असर डालता है। आयोडीन की कमी से बच्चे कमजोर और बीमार हो सकते हैं। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को रोक सकता है।

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