चीन से आयात कर 'चाइनीज लहसुन' को भारतीय बाजारों में खपा रहा नेपाल, आंकड़े हैरान करने वाले हैं
Chinese Garlic In Bihar: नेपाल से चीन का लहसुन भारत में तस्करी से आ रहा है। इसमें छोटे-बड़े सिंडिकेट शामिल हैं। भारत में लहसुन की कम पैदावार के कारण तस्करी बढ़ी है।
अररिया: भारत में लहसुन की कमी के कारण नेपाल के रास्ते चीन से लहसुन की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। इस अवैध व्यापार में कई छोटे-बड़े गिरोह शामिल हैं। ये गिरोह नेपाल से भारत में लहसुन की खेप भेज रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन तस्करी रुक नहीं रही है। खुली सीमा का फायदा उठाकर तस्कर खेत-खलिहानों के रास्ते छोटी-छोटी खेपों में लहसुन भारत भेज रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस साल भारत में लहसुन की पैदावार कम हुई है, जिससे तस्करों को मौका मिल रहा है। सुरक्षा अधिकारी भी मानते हैं कि चीन से लहसुन नेपाल के रास्ते भारत आ रहा है।
17 अक्टूबर को जोगबनी हाट से 148 किलो चीनी लहसुन पकड़ा गया। नेपाल के विराटनगर में भी 375 किलो चीनी लहसुन जब्त हुआ, जिसे भारत भेजा जाना था। यह लहसुन रोड शेष चौक के पास पकड़ा गया। तस्कर खुली सीमा का फायदा उठाकर कैरियर के जरिए छोटी-छोटी खेपों में लहसुन भारत भेज रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चीन से लहसुन नेपाल लाया जाता है और फिर वहां से भारत में तस्करी की जाती है।
नेपाल के भंसार कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर 2024 तक नेपाल ने चीन से 3 अरब 13 करोड़ 71 लाख रुपये का लहसुन आयात किया है। पिछले साल इसी अवधि में सिर्फ 39 करोड़ 63 लाख रुपये का 3 हजार 89 टन लहसुन आयात हुआ था। आर्थिक वर्ष 2020-21 में तो सिर्फ 31 करोड़ 78 लाख रुपये का 215 टन लहसुन ही आयात हुआ था। इससे साफ है कि नेपाल में चीन से लहसुन का आयात अचानक बहुत बढ़ गया है। यह लहसुन भारतीय बाजारों में बेचने के लिए मंगाया जा रहा है।
जोगबनी एसएसबी कैंप प्रभारी पशुपति कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य नाका पर एसएसबी काफी सतर्क है। नेपाल से हर आने-जाने वाले लोगों की गहनता से जांच की जाती है। समय-समय पर कार्रवाई कर बरामदगी भी की जाती है। बावजूद इसके अगर सीमा से ऐसी गतिविधि होगी तो उस पर कार्रवाई किया जाएगा। एसएसबी की सख्ती के बावजूद तस्करी जारी है, इससे साफ है कि तस्कर नए-नए रास्ते अपना रहे हैं। सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए और कड़े कदम उठाने होंगे।