उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में 58 उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित करने का फैसला किया है। सरकार का उद्देश्य विश्वविद्यालयों को शोध और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इस पहल से छात्रों को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि योगी सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना से छात्रों को शोध और तकनीकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में नई संभावनाएं मिलेंगी।

इन विश्वविद्यालय में स्थापित किए जाएंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर, लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।

3 करोड़ 88 लाख 77 हजार 8 सौ रुपये स्वीकृत

इन केंद्रों में छात्रों को अत्याधुनिक शोध उपकरण, बेहतर पुस्तकालय और डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि इससे छात्रों को उद्योग और अनुसंधान के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने आगे कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है, जहां वे विश्वस्तरीय शिक्षा और संसाधनों का लाभ उठाकर अपने करियर को नई दिशा दे सकें। इस योजना के लिए सरकार ने 3 करोड़ 88 लाख 77 हजार 8 सौ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।

राज्य का समग्र विकास होगा

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजनांतर्गत राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्देश जारी किए जाएंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्यक्रमों की निगरानी की जाएगी तथा शासन को अवगत कराया जाएगा। इस पहल से प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। इससे राज्य का समग्र विकास भी होगा।