बिहार की नीतीश सरकार ने आयुष्मान कार्ड बनाने वालों के लिए खजाना खोल दिया है। अब डाटा इंट्री ऑपरेटरों को प्रति कार्ड पांच रुपये दिए जाएंगे। दरअसल, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जल्द ही सभी लाभार्थियों को कार्ड मिल जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को अभी तक कार्ड नहीं मिला है, उन्हें जल्द ही कार्ड दिए जाएंगे। कार्ड बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ओपीडी के बाद कार्ड बनाने वाले डाटा इंट्री ऑपरेटर को प्रति कार्ड पांच रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को आयुष्मान कार्ड बनाने की योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देश पर गरीबों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज इस योजना के तहत दिया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 13.48 लाख मरीजों का इलाज हो चुका है, जिस पर 1650 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही इस योजना के तहत प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया जाएगा।

इस अभियान से राज्य की 352 ग्राम पंचायतों के 75070 आदिवासी परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्कैन एंड शेयर के जरिए ओपीडी रजिस्ट्रेशन के मामले में बिहार देश में तीसरे स्थान पर है। मंत्री ने स्कैन एंड शेयर टोकन प्रणाली के तहत एक दिन में एक लाख से ज्यादा टोकन जारी होने पर खुशी जताई। इस दौरान उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाने के लिए अस्पतालों में ओपीडी के बाद कार्ड बनाने वाले डाटा ऑपरेटर को प्रति कार्ड पांच रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।