बिहार के पूर्णिया में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से झगड़ा होने के बाद खुदकुशी कर ली। इस घटना के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया क्योंकि मृतक हिंदू था लेकिन उसने 16 साल पहले एक मुस्लिम महिला से शादी की थी। घटना के. हाट थाना क्षेत्र के हाउसिंग कॉलोनी की है। बताया जा रहा है कि आजाद कुमार झा उर्फ मोहम्मद आजाद आलम ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आजाद ने 16 साल पहले मुस्लिम समुदाय की रानी परवीन से प्रेम विवाह किया था। उसके तीन बच्चे भी हैं।

आजाद की पत्नी रानी परवीन ने बताया कि आजाद को शराब की लत थी, जिसके कारण दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता था। घटना वाले दिन भी पैसे को लेकर दोनों में कहासुनी हुई थी। गुस्से में आकर आजाद ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। रानी ने आगे बताया कि हम दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे। 16 साल पहले 2008 में मोहल्ले में ही पहली मुलाकात हुई। बाद में ये प्यार में बदल गया और फिर दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली।

रानी के मुताबिक, शादी के बाद आजाद मुझे अपने घर ले गया, मगर उनके घर वालों ने ये रिश्ता कबूल करने से इनकार कर दिया। आजाद ने बाद में अपना धर्म परिवर्तन करा लिया। और वो अपने घर के बजाए ससुराल में ही रह रहा था। दोनों के तीन बच्चे भी हुए। कुछ सालों तब सबकुछ ठीक रहा, इसके बाद उसे शराब की बुरी लत लग गई। वो अपने घर वालों से मदद चाहता था। मगर वे इसे लेकर तैयार नहीं थे। वो मां से जब भी बात करता था, परेशान हो जाता था।

रानी ने बताया कि गुरुवार को फिर वो शराब पीकर घर लौटा, इस पर पैसे को लेकर उससे हल्की कहासुनी हुई थी। जब वे देर शाम गए कमरे में पहुंची, तो आजाद को फंदे से झूलता पाया। इतने में ही उनके चीखने की आवाज सुनकर बच्चे पहुंचे। किसी तरह आजाद को नीचे उतारा गया और फंदा खोला गया। मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

वहीं, मृतक की मां अनीता देवी का कहना है कि आजाद ने धर्म परिवर्तन के बाद भी उनसे बातचीत करनी बंद नहीं की थी। घटना वाले दिन दोपहर में ही बेटे से बात हुई थी। वह घर आना चाहता था और काफी परेशान था। अनीता देवी ने बताया कि वो बेटे का इंतजार ही कर रही थी। देर शाम घर वालों को बेटे के सुसाइड करने की बात मालूम चली। मगर न तो लड़की ने और न ही उसके घरवालों ने उन्हें इस बात की भनक तक लगने दी।

इस घटना के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया। मृतक की मां अनीता देवी का कहना है कि उन्हें बाद में मालूम चला कि शव का मुस्लिम रीति रिवाज से दाह संस्कार किया जा रहा था। जिसके बाद उन्होंने के हाट थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी।

अनीता देवी ने बताया कि पुलिस शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने पहुंची। पोस्टमार्टम के बाद वे बेटे के शव को अपने साथ ले जाना चाहते थे। इसी को लेकर लड़की और उसके साथ आए लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। लड़का जन्म से हिंदू है। इस नाते उनके बेटे का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से होना चाहिए।

रानी परवीन का कहना है कि आजाद ने अपने बेटे मोहम्मद आफताब (11) से बातों ही बातों में अपनी अंतिम इच्छा जताई थी कि उसका अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से ही किया जाए। इसलिए वह शव को लेकर कब्रिस्तान जा रहे थे। इसी दौरान आजाद के परिवारवालों ने पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ले गई।

पोस्टमार्टम के बाद दोनों परिवारों में अंतिम संस्कार को लेकर विवाद शुरू हो गया। मामला बढ़ता देख SDPO और के हाट थानाध्यक्ष को बुलाना पड़ा। काफी देर तक दोनों पक्षों को समझाने के बाद मामला शांत हुआ। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।