बिहार जमीन सर्वे पर झुकी नीतीश सरकार, 90 दिन के लिए टला! भूमि मालिकों को बड़ी राहत
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे को लेकर नीतीश सरकार ने तीन महीने का समय देने का फैसला किया है ताकि लोग अपने कागजात तैयार कर सकें।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार राज्य में भूमि सर्वेक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने शनिवार को पूर्णिया में घोषणा की कि लोगों को भूमि दस्तावेजों को इकट्ठा करने और तैयार करने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि सरकार जल्द ही इस बारे में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी।
90 दिन बाद होगी एक बैठक
मंत्री ने कहा कि इस तीन महीने की अवधि के दौरान, सरकार जमींदारों और जनप्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के साथ बैठक करेगी। बैठकों का उद्देश्य भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को लेकर आशंकाओं को दूर करना और एक सुचारू और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने विभाग के सभी अंचल अधिकारियों (सीओ) को पटना बुलाया था और उन्हें अपने कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए थे।
62 फीसदी मालिकों के पास जमीन के कागजात
मंत्री के अनुसार, प्रारंभिक सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि लगभग 62 प्रतिशत भूमि मालिकों के पास उनके भूमि दस्तावेज हैं। शेष 38 प्रतिशत लोगों को अपने वंशानुगत रिकॉर्ड, भूमि खिताब या विभाजन दस्तावेजों को प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह देखते हुए सरकार ने भूमि सर्वेक्षण शुरू करने से पहले सभी को पर्याप्त समय देने और किसी भी परेशानी को कम करने का फैसला किया है। एक बार पूरा हो जाने पर, राज्य में भूमि स्वामित्व का स्पष्ट रिकॉर्ड स्थापित होने की उम्मीद है।
थाने में 60 फीसदी मामले जमीन से जुड़े
मंत्री ने भूमि विवादों और इससे जुड़े अपराधों को रोकने में भूमि सर्वेक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज थाने में 60 प्रतिशत मामले जमीन से जुड़े हुए हैं। जमीन को लेकर विवाद, हत्या, मारपीट और विभिन्न तरह की घटना होती है। जमीन सर्वे से इसकी संख्या कम हो जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण से पारदर्शिता आएगी और भविष्य में विवादों की संभावना कम होगी।
लोगों को हो रही परेशानी
उन्होंने कहा कि सामान्य लोगों को भी सर्वे में दिक्कत हो रही है क्योंकि राजस्व विभाग के कर्मी और सर्वे के अमीन जिस तरह से मदद करनी चाहिए वो नहीं कर पा रहे हैं इसलिए अपने आईएएस ऑफिसर को भेजकर गांव में पता लगवाया कि जनता को क्या-क्या दिक्कत हो रही है। पता चला कि जनता को कागजात और सूचना निकालने में राजस्व विभाग के कार्यालय में दिक्कत हो रही है। हमने विचार किया है कि जनता को तीन महीने का समय देंगे।