भोपाल: एमपी में मोहन सरकार ने लोगों को बड़ी सौगात दी है। अब जमीन और मकान की रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्री ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब आप घर बैठे देश और विदेश से रजिस्ट्री करवा सकते हैं। इसकी शुरुआत आज से मध्य प्रदेश में हो गई है। सीएम मोहन यादव ने पूरे मध्य प्रदेश में आज संपदा 2.0 लॉन्च कर दिया है। इसके बाद बाहर रह रहे प्रदेश के लोगों को इसका बड़ा फायदा होगा।

सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में नवीन तकनीक पर आधारित "संपदा-2.0" का नवाचार ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन बनेगा। इस नवाचार को पूरा देश फॉलो करेगा। पहले प्रदेश में दस्तावेज पंजीयन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 2 नए महत्वपूर्ण कार्य सौंपे हैं। इसमें 120 शहरों के जीआईएस कार्य को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से आईटी विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जीआईएस लैब स्थापित करने जा रहे हैं। इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बहुत उन्नति कर रहा है। आईटी में नवाचार के साथ मध्यप्रदेश सरकार पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाएगी।

घर बैठे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री

मुख्यमंत्री यादव ने "संपदा-2.0" की खूबियां बताते हुए कहा कि "संपदा-2.0" उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है। इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है। जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर ऐप में लोकेशन के माध्यम से मालूम हो सकेगी। सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।

भ्रष्टाचार में आएगी कमी

उन्होंने कहा कि इससे पंजीयन की व्यवस्था सुगम, सरल ओर करप्शन-फ्री बनेगी। नागरिकों को ई-पंजीयन और ई-स्टाम्पिंग की नवीन प्रणाली का लाभ मिलेगा। लोग घर बैठे अपनी प्रापर्टी को बेच भी सकेंगे और रजिस्ट्री करा सकेंगे। इस प्रणाली से प्रदेश ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के बाहर से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रियां करवाई जा सकेंगी। इससे आम व्यक्ति का समय भी बचेगा और अनावश्यक रूप से लगने वाले आरोपों से मुक्ति भी मिलेगी।