मोबाइल से ASI 'मैडम' करती थी डील, जलवा देख 'साहब' भी रहते थे चुप; असली बात आई सामने तो उड़े होश
मुजफ्फरपुर में मद्य निषेध विभाग की एएसआई सोनी महिवाल को शराब तस्करों से मिलीभगत के आरोप में निलंबित कर दिया गया। ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद जांच में आरोप सही पाए गए। उन्होंने एक वरीय अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया था।

मुजफ्फरपुर में मद्य निषेध विभाग में तैनात एएसआई सोनी महिवाल को निलंबित कर दिया गया है। उन पर शराब तस्करों से मिलीभगत करने के गंभीर आरोप लगे थे। एक वायरल ऑडियो क्लिप में उन्हें एक व्यक्ति को फंसाने की धमकी देते हुए और एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए सुना गया था। विभागीय जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। उत्पाद आयुक्त ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया है और विभागीय कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, एएसआई सोनी महिवाल पर शराब तस्करों के साथ सांठगांठ करने के आरोप लंबे समय से लग रहे थे। आखिरकार, उन पर गाज गिर ही गई। उन्हें अब निलंबित कर दिया गया है। विभाग ने उनके खिलाफ जांच की और पर्याप्त सबूत पाए। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।
दरअसल, एएसआई सोनी महिवाल का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस ऑडियो में वह दिलीप साह नामक एक व्यक्ति पर दबाव बना रही थीं। वह उसे फंसाने की धमकी भी दे रही थीं। ऑडियो में उन्होंने एक बड़े अधिकारी के खिलाफ भी गलत भाषा का इस्तेमाल किया था। जांच में पता चला कि एएसआई सोनी महिवाल शराब तस्करों के साथ मिली हुई थीं। वह तस्करी को बढ़ावा देने में भी शामिल थीं।
जब यह मामला सामने आया तो मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने जांच शुरू कर दी। जांच में यह साफ हो गया कि वायरल ऑडियो क्लिप में जो आवाज सुनाई दे रही है, वह एएसआई सोनी महिवाल की ही है। उन्होंने खुद भी यह बात मान ली। पीड़ित दिलीप साह ने भी इस ऑडियो को सही बताया। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया।
उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह ने बुधवार को निलंबन का आदेश जारी किया। उन्होंने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा और आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है।
डीएम की जांच रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सोनी महिवाल ने एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ गलत भाषा का प्रयोग किया था। इसी रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। अब यह देखना होगा कि आगे की जांच में और क्या-क्या बातें सामने आती हैं और इस मामले में क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।