नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहली सरकार है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में उमर अब्दुल्ला को राज्य के नए सीएम पद की शपथ दिलाई। उमर अब्दुल्ला के साथ उनकी पार्टी के आठ अन्य विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

वहीं कांग्रेस, जिसने उमर अब्दुल्ला की पार्टी के साथ चुनाव में गठबंधन किया था ने सरकार से बाहर रहकर समर्थन देने का फैसला किया है। कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर लड़ी लेकिन चुनावों में खराब प्रदर्शन किया। सूत्रों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस को एक मंत्री पद की पेशकश की गई थी, जिसे उसने अस्वीकार कर दिया और बाहर से समर्थन देने का विकल्प चुना।

इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेता - विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस की प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी राजा, और आप के संजय सिंह - शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। पीडीपी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी मौजूद थीं।

उमर अब्दुल्ला, जो एक दशक में जम्मू-कश्मीर के पहले चुने हुए प्रमुख बने हैं, ने आज सुबह उम्मीद जताई कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी साबित हो और राज्य का दर्जा बहाल हो। अब्दुल्ला ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं, और इसका सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।