केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने पशुपति कुमार पारस का खुलकर समर्थन किया और कहा कि वे रामविलास पासवान की कमी को पूरा कर सकते हैं। माना जा रहा है जीतन राम मांझी के इस बयान से चिराग पासवान को तगड़ा झटका लग सकता है।

बता दें कि रामविलास पासवान की चौथी पुण्यतिथि पर जीतन राम मांझी रालोजपा कार्यालय पहुंचे थे और भावुक होते हुए उन्हें याद किया। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पशुपति पारस के साथ आकर उन्हें बहुत खुशी हुई। पारस थोड़ा अस्वस्थ जरूर हैं, लेकिन उनके परिवार और कार्यकर्ताओं से मिलकर ऐसा लगा जैसे रामविलास पासवान अभी भी हैं। मांझी ने आगे कहा कि पशुपति पारस में रामविलास पासवान की झलक दिखती है और उम्मीद है कि वे उनकी कमी को पूरा कर पाएंगे।

मांझी ने चिराग और पारस के बीच चल रहे विवाद पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि परिवार में अनबन होना आम बात है, लेकिन समाज और देश के हित के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता होने के नाते चिराग और पारस को अपने मतभेद भुलाकर साथ आना चाहिए। ऐसा न करने पर समाज को नुकसान होगा।

इससे पहले जीतन राम मांझी ने रामविलास पासवान को बिहार में दलितों का मसीहा बताया। उन्होंने कहा कि जगजीवन राम के बाद सिर्फ रामविलास पासवान ही थे जिन्होंने दलितों के लिए आवाज उठाई। वे बिहार से निकलकर दिल्ली की राजनीति में छा गए और हमेशा दलितों के हक के लिए लड़ते रहे। मांझी ने कहा कि उनके जाने से एक शून्य पैदा हो गया है।