Bihar News: बक्सर के सिमरी थाना क्षेत्र के नगपुरा गांव में गुरुवार को धर्मांतरण का एक कथित मामला सामने आया है। इस मामले में दो पादरियों पर 50-60 हिंदू महिलाओं और पुरुषों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें कुछ महिलाएं गंगा में खड़ी दिख रही हैं और एक पादरी उन्हें गंगा में डुबकी लगवाकर सिंदूर धो रहा है।

वीडियो में पादरी पुरुषों का भी धर्म परिवर्तन कराते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के आधार पर पुलिस ने दोनों पादरियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। एक पादरी तमिलनाडु से है जबकि दूसरा बिहार का रहने वाला है। हिंदू संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि 50-60 हिंदू धर्म के लोगों को बस से महावीर गंगा घाट पर लाया गया था। आरोप है कि पादरी इन लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दे रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। महिलाओं ने कहा कि वे अपनी मर्जी से घाट पर गई थीं। वहीं, घटना की सूचना पर पहुंचे हिंदू संगठनों ने कार्रवाई की मांग की है और थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है।

पादरी राजू राम भोजपुर के रहने वाले हैं, ने बताया कि हमारे पास कई लोग आए, जिन्होंने अपनी बीमारियों के बारे में बताया। इसके बाद हमने उन्हें कहा कि आप दवाई लीजिए। मैं अपने जीसस गॉड से प्रार्थना करूंगा कि आपकी बीमारी ठीक हो जाए। आपके कष्ट दूर हो जाएं। इसके बाद जिन लोगों के कष्ट दूर हुए। वे अपने मन से हमारे धर्म को अपनाना चाहते थे।

उन्होंने आगे कहा कि हमने उन्हें बाइबिल के बारे में बताया। उन्हें ईसाई धर्म के बारे में शिक्षा दी। हमने किसी पर दबाव नहीं बनाया। सारे लोग अपनी मर्जी से आए थे। इसलिए हम पुलिस से मांग करेंगे की निष्पक्ष जांच हो। ऐसे भी कहा गया है कि जिसे जो धर्म अपनाना है वो अपना सकता है।

हिंदू संगठन के सदस्य मुकुंद सनातन ने बताया कि हमें सूचना मिली की एक पादरी 50 से 60 महिलाओं और पुरुषों को सिमरी गंगा घाट पर लेकर पहुंचा है। उनका धर्म परिवर्तन कर रहा है। इसको लेकर हमने थाने में आवेदन दिया है। लेकिन बताया गया कि इसको लेकर बिहार में कोई लॉ नहीं है। मेरी बिहार सरकार और हिंदू समाज से मांग है कि इस तरह का कानून बनना चाहिए। ताकि गांव के भोले-भाले ग्रामीणों को मूर्ख बनाकर धर्मांतरण न कराया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रार्थना और तेल-पानी से ब्लड कैंसर ठीक हो सकता, तो कैंसर हॉस्पिटल को बंद कर देना चाहिए। साथ ही अगर ये धर्मांतरण करते हैं तो इनके आरक्षण को भी समाप्त कर देना चाहिए।

सिमरी थानाध्यक्ष कमल नयन पांडेय ने बताया कि बस में सवार सभी लोगों को समझा-बुझाकर गाड़ी से उतारा गया। उन्हें समझाया गया कि किसी भी प्रकार का धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से होना चाहिए, न कि किसी के दबाव में। फिलहाल, पुलिस पादरियों से इस पूरे मामले की जानकारी लेने में जुटी है। उन व्यक्तियों से भी पूछताछ कर रही है, जो बस में मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि इनमें से सभी लोग गांवों से आए हुए हैं, जिन्हें गंगा घाट पर बाइबिल के अनुसार गुरु दीक्षा के लिए लाया गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चेतावनी दी है कि धर्मांतरण कानून का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, थाने पर बैठी महिला पूनम कुमारी ने बताया कि जो लोग प्रार्थना करते हैं, उसके लिए नियम है कि पानी में डूबकी लगाककर प्रार्थना की जाती है। ईसाई धर्म के नियम के तहत सभी लोग यहां आए हैं। वहीं, महिला शीला देवी ने बताया कि बाइबिल के नियम के अनुसार बपतिस्मा (क्रिश्चन में पानी से शुद्धि करने को कहते हैं) के लिए गंगा घाट पहुंचे हुए थे।

SDM राकेश कुमार ने बताया कि कुछ लोगों के गंगा घाट पर जमा होने की जानकारी मिली थी। इसकी वजह से विधि व्यवस्था संकट में आ गई थी। इसके बाद पुलिस टीम ने उस स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान देखा गया कि कुछ लोग दूसरे तरीके से गंगा नदी में पूजा पाठ कर रहे हैं। वहीं, ज्यादातर महिलाएं पानी में हैं। बिना किसी सेफ्टी के लोग पानी में हैं। कोई हादसा हो सकता था। संख्या ज्यादा रहने पर बिना परमिशन लिए गंगा घाट पर लोग पहुंचे थे। इसी सब को देखते हुए थाना प्रभारी ने सभी लोगों को थाना लाया। यहां पूछताछ की जा रही है। जल्द कार्रवाई की जाएगी।