बिहार के सीतामढ़ी जिले के सरकारी स्कूलों में एमडीएम योजना में फिर से घोटाला सामने आया है। परिहार प्रखंड के मध्य विद्यालय, सिरसिया बाजार के प्रधान शिक्षक पर 30 क्विंटल चावल और 1.83 लाख रुपये के गबन का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि प्रधान शिक्षक ज्यादा बच्चों की हाजिरी दिखाकर सरकारी राशन और पैसे हड़प रहे थे। जांच के बाद उन पर 2,73,452 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

यह मामला तब सामने आया जब एमडीएम के जिला समन्वयक और जिला साधन सेवी ने स्कूल का संयुक्त निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि स्कूल में बच्चों की वास्तविक संख्या से कहीं ज्यादा बच्चों की हाजिरी दिखाई जा रही थी। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि चार सितंबर को स्कूल का निरीक्षण किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की औसत उपस्थिति 238 और वास्तविक उपस्थिति 68 थी। वहीं, छह से आठ तक की औसत उपस्थिति 277 और वास्तविक उपस्थिति मात्र 56 थी। यानी 391 अधिक बच्चों की हाजिरी दिखाई जा रही थी।

इसके बाद डीपीओ ने प्रधान शिक्षक से जवाब मांगा। उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। विभागीय प्रधान सचिव के निर्देश पर प्रधान शिक्षक पर 2,73, 452 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्हें यह राशि बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना समिति, सीतामढ़ी के खाते में जमा कराने का आदेश दिया गया है। अगर वे राशि जमा नहीं कराते हैं तो उनके वेतन से वसूली की जाएगी।

इस मामले में परिहार के एमडीएम के साधनसेवी को भी लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है। उन पर निगरानी में ढिलाई बरतने का आरोप है। उनके अक्टूबर महीने के वेतन से 10 फीसदी की कटौती की जाएगी।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब जिले के सरकारी स्कूलों में एमडीएम योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इससे पहले भी कई स्कूलों के प्रधान शिक्षकों पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं। पिछले महीने भी परिहार प्रखंड मिडिल स्कूल, शिवनगर में एमडीएम घोटाले का मामला सामने आया था। विभाग ने प्रधान शिक्षक के वेतन पर रोक लगा दी थी और उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।

इस मामले में स्कूल के शिक्षा समिति के अध्यक्ष रामनाथ चौधरी ने शिकायत की थी कि स्कूल में 80 फीसदी बच्चों की हाजिरी दिखाई जाती है, जबकि वास्तव में केवल 50 फीसदी बच्चे ही स्कूल आते हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधान शिक्षक एमडीएम के चावल और पैसे की हेराफेरी करते हैं। जांच में उनकी शिकायत सही पाई गई थी।

इस कार्रवाई के बाद आरोपी प्रधान शिक्षक रामनाथ प्रसाद ने कहा था कि 'सब चोर हैं'। यह घटना इस बात का सबूत है कि सरकारी स्कूलों में एमडीएम योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि गरीब बच्चों को उनका हक मिल सके।