बिहार शिक्षा विभाग की 'गुप्त रिपोर्ट' से हिले एस सिद्धार्थ, केके पाठक वाला 'टेंशन' देने की हो रही तैयारी

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने स्कूलों का निरीक्षण करवाया। निरीक्षण में शिक्षकों की लापरवाही और कई कमियां सामने आईं।

Update: 2024-12-11 15:30 GMT

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थलगातार कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने स्कूलों का निरीक्षण करवाने का आदेश दिया था। कुछ लोगों को गुप्तचर बनाकर गांव के स्कूलों में भेजा गया। ये लोग एक महीने तक स्कूलों में रहे और वहां की असलियत देखी। उन्होंने जो रिपोर्ट दी उससे एस सिद्धार्थ हैरान रह गए। कुछ अच्छे शिक्षक भी मिले, लेकिन अधिकतर शिक्षकों की लापरवाही देखकर चिंता बढ़ गई।

एक महीने तक गुप्तचर गांवों में रहे

एस सिद्धार्थ ने बताया कि कुछ लोग गांव के स्कूलों में एक महीने तक रहे। उन्होंने स्कूलों की हालत देखी और विभाग को पूरी जानकारी दी। कुछ शिक्षक बहुत मेहनती हैं और उनके स्कूल अच्छे चल रहे हैं। लेकिन कुछ शिक्षक बहुत लापरवाह हैं। उनकी वजह से स्कूलों की हालत खराब है। ये बहुत चिंता की बात है। उन्होंने बताया कि निरीक्षण में शिक्षकों की पांच बड़ी कमियां सामने आईं।

  • पहली कमी है फर्जी हाजिरी। कुछ शिक्षक और प्रधानाध्यापक स्कूल नहीं आते, फिर भी हाजिरी लगा देते हैं। वे दिखाते हैं कि आधे से अधिक बच्चे स्कूल आ रहे हैं, जबकि असल में बहुत कम बच्चे आते हैं।
  • दूसरी कमी है बच्चों की कम उपस्थिति। कुछ स्कूलों में बच्चों के नाम तो बहुत अधिक लिखे हैं, लेकिन रोजाना स्कूल आने वाले बच्चे बहुत कम हैं। इसका मतलब है कि बच्चे दूसरे प्राइवेट स्कूलों या कोचिंग में पढ़ते हैं। सरकारी स्कूल में वे सिर्फ परीक्षा देने आते हैं।
  • तीसरी कमी है बच्चों को न पढ़ाना। कुछ शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वे सिर्फ अपनी हाजिरी लगाने के लिए स्कूल आते हैं। उनका ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर नहीं, बल्कि अपनी हाजिरी पर होता है।
  • चौथी कमी है समय से पहले स्कूल से चले जाना। कुछ शिक्षक सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच स्कूल से गायब रहते हैं। वे कुछ देर पढ़ाकर अपने निजी कामों के लिए चले जाते हैं। हाजिरी लगाने के लिए शाम को वापस आते हैं।
  • पांचवी कमी है घर के पास स्कूल होने का फायदा उठाना। कुछ शिक्षक ऐसे स्कूलों में हैं, जो उनके घर के पास हैं। वे स्कूल में बहुत कम समय बिताते हैं। सिर्फ हाजिरी लगाने आते हैं। उन्हें पढ़ाने-लिखाने से कोई मतलब नहीं है।

लापरवाह अधिकारी और शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

एस सिद्धार्थ ने कहा कि कुछ शिक्षक अब भी स्कूल के साथ धोखा कर रहे हैं। निरीक्षण के बारे में साफ निर्देश दिए गए थे, फिर भी निरीक्षण में गड़बड़ी हो रही है। अगर निरीक्षण करने वाले अधिकारी किसी स्कूल में ऐसी गड़बड़ी देखते हैं, तो उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी को बताना चाहिए। जिला शिक्षा अधिकारी को ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के साथ शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

Tags:    

Similar News