Bihar Teacher Transfer: ट्रांसफर के लिए 7 दिन में 10 फीसदी भी नहीं आए आवेदन, शर्त शिक्षकों पर पड़ रही भारी?

बिहार में शिक्षक तबादलों के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है। पहले सप्ताह में 45,587 शिक्षकों ने आवेदन किया। विभिन्न आधारों पर तबादले मांगे गए हैं। स्वास्थ्य, पारिवारिक स्थितियों और पति-पत्नी की पोस्टिंग प्रमुख कारण हैं।

Update: 2024-12-08 14:12 GMT

बिहार में सरकारी शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। एक हफ्ते में 45,587 शिक्षकों ने आवेदन किए हैं। राज्य में कुल 5,45,182 शिक्षक हैं। पहले 7 से 22 नवंबर के बीच आवेदन मांगे गए थे। लेकिन कोर्ट केस के कारण प्रक्रिया रुक गई। अब 15 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। अधिकतर आवेदन तबादले की मांग को लेकर हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि नियोजित शिक्षक जहां हैं, वहीं रहेंगे। तबादले सिर्फ खास परिस्थितियों में ही होंगे, जैसे गंभीर बीमारी या परिवार से दूरी। बता दें कि शिक्षा विभाग ने 1 दिसंबर से दोबारा आवेदन लेना शुरू किया है। पहले हफ्ते में ही 45,587 शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन कर दिए हैं। यह संख्या राज्य के कुल शिक्षकों का एक छोटा सा हिस्सा है, जो 5,45,182 है।

शिक्षा विभाग ने पहले 7 से 22 नवंबर के बीच तबादले के लिए आवेदन मांगे थे। लेकिन यह प्रक्रिया हाईकोर्ट में चली गई। नतीजतन, सरकार को तबादले की प्रक्रिया रोकनी पड़ी। 21 नवंबर को नया आदेश जारी हुआ। इसके तहत 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जमा किए जा सकते हैं।

तबादले के लिए आवेदन करने वालों में अलग-अलग कारण हैं। कुछ गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो कुछ अपने परिवार से दूर हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 163 शिक्षकों ने असाध्य रोग (कैंसर), 456 ने गंभीर बीमारी, 1,522 ने दिव्यांगता, 290 ने ऑटिज्म/मानसिक विकलांगता, 216 ने विधवा/तलाकशुदा होने, 2,919 ने पति/पत्नी की पोस्टिंग और 27,661 ने वर्तमान पोस्टिंग से दूरी के आधार पर आवेदन किया है। इसके अलावा 12,360 आवेदन अभी ड्राफ्ट मोड में हैं।

इससे पहले नवंबर में जब आवेदन मांगे गए थे, तब लगभग 2 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया था। लेकिन कोर्ट केस के कारण यह प्रक्रिया रुक गई। अब नए सिरे से आवेदन लिए जा रहे हैं।

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