Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षकों का कैसे होगा तबादला, यहां जानें सबकुछ

Bihar Education Department: बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पोस्टिंग नियमावली जारी की है। शिक्षा विभाग ने गंभीर बीमारी, दिव्यांगता और महिलाओं को प्राथमिकता देने का प्रावधान किया है।;

Update: 2024-10-14 13:23 GMT

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग की नई नीति की घोषणा की है। यह नीति बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षकों और सक्षमता परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बनने वाले नियोजित शिक्षकों, दोनों पर लागू होगी। पहली बार ट्रांसफर-पोस्टिंग शिक्षा विभाग खुद करेगा। इसके बाद तीन स्तरों पर गठित समितियां यह कार्यभार संभालेंगी। जिला स्तर, प्रमंडल स्तर और राज्य स्तर पर समितियां बनाई गई है। नई नीति में गंभीर बीमारी, दिव्यांगता और महिलाओं को प्राथमिकता देने के साथ-साथ पुरुष शिक्षकों के लिए अलग व्यवस्था का प्रावधान है।

नई नीति के तहत शिक्षकों का तबादला हर पांच साल पर अनिवार्य होगा। हालांकि, गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों या उनके परिवारों के बीमारी के आधार पर पांच साल से पहले भी उनके स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। यह नीति फिलहाल स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षकों (नियोजित शिक्षकों) पर लागू नहीं होगी। नई नीति में गंभीर बीमारी या दिव्यांगता से जूझ रहे शिक्षकों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को अपने पसंदीदा स्थानों का विकल्प देना होगा।

बीमारी और दिव्यांगता के आधार पर प्राथमिकता

  • कैंसर: शिक्षक, उनके जीवनसाथी या बच्चों को कैंसर होने पर सबसे पहले ट्रांसफर मिलेगा।
  • गंभीर बीमारियां: किडनी डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लांट, जन्मजात हृदय रोग, बाईपास सर्जरी, वॉल्व प्रत्यारोपण, स्टंट लगाने, पैरालिसिस, ब्रेन हेमरेज, लीवर सिरोसीस, लीवर ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षक, उनके जीवनसाथी या बच्चे के मामले में दूसरी प्राथमिकता मिलेगी।
  • दिव्यांगता: दृष्टिबाधित, मूक-बधिर, अस्थि दिव्यांग, मनोरोगी, बहु-दिव्यांग शिक्षक, उनके जीवनसाथी या बच्चे के मामले में तीसरी प्राथमिकता मिलेगी। सेवाकाल के दौरान दुर्घटना या सर्जरी के कारण दिव्यांग होने पर भी इसी श्रेणी में प्राथमिकता मिलेगी।
  • मानसिक बीमारी: ऑटिज्म, मानसिक पक्षाघात या अन्य गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहे शिक्षक, उनके जीवनसाथी या बच्चे के मामले में चौथी प्राथमिकता मिलेगी।
  • विधवा और परित्यक्ता महिलाएं: उपरोक्त सभी श्रेणियों के बाद, सभी विधवाओं और परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • अन्य महिलाएं: इसके बाद अन्य महिला शिक्षिकाओं को ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • पति की तैनाती के आधार पर: अंत में उन महिला शिक्षिकाओं का नंबर आएगा जिनके पति की पोस्टिंग कहीं और है। उन्हें उनके पति की पोस्टिंग वाली जगह के पास ट्रांसफर किया जाएगा।

देने होंगे प्रमाणपत्र

  • दिव्यांगता या बीमारी के संबंध में केवल सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र ही मान्य होगा।
  • बीमारी या दिव्यांगता के आधार पर तबादले में शिक्षक की नियुक्ति उनके गृह पंचायत, नगर निकाय, पति/पत्नी के गृह पंचायत या नगर निकाय, या वर्तमान में जहाँ वे कार्यरत हैं, वहां के नगर पंचायत या नगर निकाय में नहीं की जाएगी।
  • पुरुष शिक्षकों के लिए व्यवस्था
  • पुरुष शिक्षकों का तबादला उनके द्वारा चुने गए जिले के आधार पर होगा। हालांकि, उनकी नियुक्ति उनके गृह अनुमंडल में नहीं की जाएगी।

ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए शर्तें

  • यह नीति शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों में विहित वेतनमान में नियुक्त नियमित शिक्षक, स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षक, सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षक और BPSC द्वारा नियुक्त और कार्यरत शिक्षकों पर लागू होगी।
  • सरकारी स्कूलों में नियमित वेतनमान वाले 10% शिक्षक, 30% नियोजित शिक्षक, 30% विशिष्ट शिक्षक और 30% BPSC शिक्षक होने चाहिए। स्थानांतरण और पदस्थापन के समय इसका ध्यान रखा जाएगा।
  • शिक्षकों का पदस्थापन/स्थानांतरण उसी क्रम में किया जाएगा जिसका उल्लेख नीति में किया गया है।
  • किसी भी स्कूल में महिला शिक्षिकाओं की नियुक्ति की अधिकतम सीमा 70% होगी।
  • प्रत्येक शहरी निकाय को एक इकाई मानकर स्थानांतरण किया जाएगा।
  • शिक्षकों का स्थानांतरण उनके सेवाकाल के प्रत्येक पांच वर्ष पर अनिवार्य होगा।
  • गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों या उनके परिजनों की बीमारी के आधार पर पांच वर्ष से पहले भी उनके स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा।
  • गंभीर बीमारी या दिव्यांगता के मामलों में, संबंधित शिक्षक/शिक्षिकाओं की नियुक्ति निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार की जाएगी
  • इकाई स्वीकृत/मानक बल वाले विद्यालय में - अधिकतम 1 शिक्षक
  • इकाई स्वीकृत/मानक बल वाले विद्यालय में - अधिकतम 2 शिक्षक
  • इकाई से अधिक स्वीकृत/मानक बल वाले विद्यालय में - अधिकतम 3 शिक्षक
  • ट्रांसफर के लिए आवेदन मिलने के बाद, बीमारी/दिव्यांगता के आधार पर, नियमित शिक्षक, सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक, और TRE द्वारा नियुक्त शिक्षकों को उनके द्वारा चुने गए विकल्पों के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। वरीयता सूची जिला स्तर पर और श्रेणीवार होगी।
  • शिक्षकों से स्थानांतरण/पदस्थापन के लिए 10 विकल्प प्राप्त किए जाएंगे। संभव है उन्हें नजदीकी अनुमंडल या जिले में पदस्थापित किया जाएगा।
  • स्थानांतरण/पदस्थापन/प्रतिनियुक्ति संबंधी सभी प्रक्रियाएं सॉफ्टवेयर आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से की जाएंगी। रिक्त पदों की गणना RTE मानदंडों, छात्र-शिक्षक अनुपात, बुनियादी ढांचे, और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर की जाएगी।
  • पहले चरण में सभी प्रकार के शिक्षकों (स्थानीय निकाय के शिक्षकों को छोड़कर) का स्थानांतरण और पदस्थापन मुख्यालय स्तर पर किया जाएगा।
  • नियमित शिक्षक, BPSC, TRE 1 और 2 के शिक्षक द्वारा स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए विकल्प नहीं देने पर उनके स्थानांतरण पर विचार नहीं किया जाएगा, अर्थात वे अपने वर्तमान विद्यालय में ही बने रहेंगे।
  • पहले चरण के स्थानांतरण/पदस्थापन में, सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक और BPSC TRE शिक्षकों को राज्य स्तरीय वरीयता के आधार पर अवसर प्रदान किए जाएंगे।

तीन स्तरों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग

  • जिला स्तर: जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्थापना समिति RTE मानदंडों, छात्र-शिक्षक अनुपात, और विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के बीच संतुलन को ध्यान में रखते हुए जिले के भीतर स्थानांतरण/पदस्थापन करेगी।
  • प्रमंडल स्तर: प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली प्रमंडलीय समिति प्रमंडल के भीतर विभिन्न जिलों के बीच स्थानांतरण/पदस्थापन करेगी।
  • राज्य स्तर: शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति प्रमंडल के बाहर विभिन्न जिलों के बीच स्थानांतरण/पदस्थापन करेगी।

राजनीति में लिप्त शिक्षकों पर कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई शिक्षक स्थानीय राजनीति में लिप्त पाया जाता है, वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया जाता है, नैतिक कदाचार करता है, या गंभीर आरोप सिद्ध होने पर, उसे विद्यालय और छात्रों के हित में प्रमंडलीय आयुक्त/निदेशक द्वारा जिले से बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। ऐसे गंभीर मामलों में संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

प्रतिनियुक्ति पर रोक

सामान्य परिस्थितियों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी। हालांकि, प्रशासनिक कारणों से जिलाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त, और शिक्षा विभाग आवश्यकतानुसार शिक्षकों का स्थानांतरण कर सकेंगे।

ऑनलाइन प्रक्रिया

स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति संबंधी सभी आदेश विभागीय पोर्टल पर सॉफ्टवेयर आधारित ऑटो-जनरेटेड फॉर्मेट के माध्यम से जारी किए जाएँगे। किसी अन्य माध्यम से जारी किए गए स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति आदेश अवैध माने जाएंगे। विद्यालयवार स्वीकृत पदों की संख्या विभाग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित की जाएगी।

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