बिहार शिक्षा विभाग का कड़ा एक्शन, अब इन शिक्षकों की सैलरी पर रोक; जानें क्यों
Bihar Teacher Salary: बिहार के कई विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ये डेटा तुरंत अपलोड किए जाएं।
Bihar Education Department: बिहार के कई विश्वविद्यालयों ने शिक्षा विभाग के निर्देशों की अनदेखी की है। उन्होंने न तो समय पर शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा अपलोड किया और न ही उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा किए। इसके चलते विभाग ने सख्त रुख अपनाया है और वेतन रोकने की चेतावनी दी है।
दरअसल, विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है। साथ ही, उन्होंने उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जमा नहीं कराए हैं। यह डेटा और प्रमाण पत्र समय सीमा के भीतर जमा कराने थे, लेकिन विश्वविद्यालय ऐसा करने में नाकाम रहे। इस लापरवाही के कारण शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है।
विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को चेतावनी जारी की है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा तुरंत पोर्टल पर अपलोड किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वेतन रोक दिया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा है कि जिन विश्वविद्यालयों ने डेटा अपलोड नहीं किया है, उनके शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा।
नियमित नियुक्ति न होने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की जानकारी भी मांगी गई है। विश्वविद्यालयों को एक हफ्ते के अंदर ऐसे कर्मचारियों की सूची देनी होगी। अगर समय पर सूची नहीं मिली तो इन कर्मचारियों का वेतन भी रोक दिया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सभी कर्मचारियों की नियुक्ति नियमानुसार हुई है।
विश्वविद्यालयों पर 345 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र बकाया हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में विश्वविद्यालयों को यह राशि दी गई थी। लेकिन, उन्होंने अब तक इसके उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए हैं। विभाग ने इस मामले में भी कुलसचिवों को चेतावनी दी है।
जिन मदों के लिए पैसा दिया गया था, अगर उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिले तो आगे मिलने वाली राशि में से काट लिया जाएगा। साथ ही, बिना उपयोग किया गया पैसा वापस जमा कराना होगा। विभाग ने साफ कर दिया है कि इस मामले में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।