केके पाठक के फैसले को एस सिद्धार्थ ने पलट दिया... अब बिहार के शिक्षकों को भरपूर मिलेगी छुट्टी; जानें

Bihar School Leave: बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने केके पाठक के फैसलों को पलटते हुए कहा है कि भीषण ठंड में स्कूलों में छुट्टी रहेगी। जिले के डीएम को तापमान गिरावट पर निर्णय लेने का अधिकार होगा। गर्मी की छुट्टी की तारीख का भी ऐलान जल्दी होगा।

Update: 2024-11-30 13:23 GMT

Bihar Education Department: बिहार में स्कूलों की छुट्टियों को लेकर बड़ा बदलाव हुआ है। शिक्षा विभाग के नए ACS डॉ एस सिद्धार्थ ने पूर्व ACS केके पाठक के कई फैसलों को पलट दिया है। अब कड़ाके की ठंड में स्कूल बंद रहेंगे और गर्मी की छुट्टियां भी होंगी। केके पाठक ने ठंड और गर्मी में भी स्कूल खुले रखने का आदेश दिया था, जिस पर खूब विवाद हुआ था। यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस मामले में बोलना पड़ा था।

पहले, केके पाठक ने स्कूलों की छुट्टियों को लेकर कई आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के कारण काफी विवाद हुआ। स्कूलों के समय को लेकर भी सवाल उठे। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उनके समय में स्कूल 10 से 4 बजे तक ही चलते थे। फिर भी केके पाठक ने स्कूलों का समय नहीं बदला। उन्होंने गर्मी की छुट्टियों में भी स्कूल खोलने का आदेश दिया। सालों से चली आ रही गर्मी की छुट्टियों की परंपरा टूट गई। शिक्षकों और छात्रों को गर्मी में भी स्कूल आना पड़ा। ठंड में भी स्कूल खुले रहे। पटना के जिलाधिकारी ने स्कूल बंद करने का आदेश दिया था। लेकिन केके पाठक ने शिक्षा विभाग से स्कूल खोलने का आदेश जारी कर दिया।

अब नए ACS डॉ एस सिद्धार्थ ने इस मामले में नया फैसला लिया है। उन्होंने केके पाठक के फैसले को बदल दिया है। अब बहुत ज्यादा ठंड पड़ने पर स्कूलों में छुट्टी रहेगी। तापमान गिरने पर हर जिला अपना फैसला ले सकेगा। गर्मी की छुट्टियों की तारीखों का भी जल्द ऐलान होगा। डॉ एस सिद्धार्थ ने शिक्षकों से कहा है कि छुट्टियों में बच्चों को ज्यादा होमवर्क और प्रोजेक्ट वर्क दें। उन्होंने सर्दियों की छुट्टियों का भी आश्वासन दिया है।

डॉ एस सिद्धार्थ के इस फैसले से शिक्षकों और छात्रों को राहत मिली है। केके पाठक के फैसलों से काफी परेशानी हो रही थी। अब ठंड और गर्मी में बच्चों को छुट्टी मिल सकेगी। यह एक स्वागत योग्य कदम है। इससे बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा। शिक्षक भी अब छुट्टियों में आराम कर सकेंगे और नए सत्र की तैयारी कर सकेंगे।

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