क्या शेख हसीना की भारत से बांग्लादेश हो सकती है वापसी? क्या कहता है कानून
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना तख्तापलट के बाद भारत में हैं। बांग्लादेश सरकार ने उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। उनके खिलाफ वहां हत्या के कई मामले दर्ज हैं। बांग्लादेशी कानून में हत्या के लिए सख्त का प्रावधान है। 2013 की प्रत्यर्पण संधि के तहत हत्या को राजनीतिक अपराध नहीं माना जाएगा। अब भारत सरकार का फैसला महत्वपूर्ण होगा।;
नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट के बाद भारत आ गई थीं और तब से भारत में ही रह रही हैं। बांग्लादेश में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, और देश की बागडोर अंतरिम सरकार के रूप में मोहम्मद यूनुस संभाल रहे हैं। इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध किया है। हालांकि, भारत सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है।
भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी, जिसमें 2016 में संशोधन किए गए थे। इस संधि के तहत, राजनीतिक प्रकृति के अपराधों में प्रत्यर्पण से इंकार किया जा सकता है। हालांकि, हत्या जैसे गंभीर अपराधों को राजनीतिक अपराध नहीं माना जाएगा।
शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कुल 51 मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या से जुड़े मामले भी हैं। ये मामले बेहद गंभीर हैं और बांग्लादेशी कानून के तहत इन पर सख्त सजा दी जा सकती है। बांग्लादेश पेनल कोड, 1860 के तहत हत्या के लिए मृत्यु दंड, आजीवन कारावास या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि शेख हसीना बांग्लादेश लौटती हैं, तो इन मामलों में कानूनी कार्रवाई और संभावित रूप से गिरफ्तारी की संभावना है।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भारत और बांग्लादेश के संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। भारत को यह निर्णय लेना होगा कि क्या वह प्रत्यर्पण संधि के तहत शेख हसीना को वापस भेजेगा या मामले की राजनीतिक और मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कोई और रास्ता अपनाएगा। अब देखना यह है कि भारत सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय लेती है और यह मामला दोनों देशों के संबंधों पर कैसा प्रभाव डालता है।