इन हथियारों को देखते ही हैरान रह गई दुनिया, गणतंत्र दिवस परेड में दिखी भारतीय सेना की ताकत
76वें गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेना ने कर्तव्य पथ पर परेड में अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया। टी-90 'भीष्म' टैंक, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर 'अग्निबाण', 'शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम' और डीआरडीओ की मिसाइल 'प्रलय' ने सेना की ताकत को दर्शाया।;
नई दिल्ली: आज देशभर में 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना ने गणतंत्र दिवस परेड में अपनी अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। परेड में सेना ने अपनी शक्ति और नवाचार का शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें आधुनिक हथियार प्रणालियां और उन्नत तकनीकी उपकरण शामिल थे।
भारतीय सेना का शक्ति प्रदर्शन
भारतीय सेना ने परेड में कई अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया। इनमें टी-90 'भीष्म' टैंक, सारथ (बीएमपी-2 पैदल सेना वाहन), 10 मीटर 'शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम', नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर 'अग्निबाण', और 'बजरंग' (हल्का विशिष्ट वाहन) शामिल थे। इस बार डीआरडीओ द्वारा विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल 'प्रलय' ने पहली बार परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आईबीएसएस: सेना की ताकत में इज़ाफा
भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इंटीग्रेटेड बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम (आईबीएसएस) ने परेड में खास ध्यान आकर्षित किया। यह प्रणाली सभी ग्राउंड और हवाई सेंसर को एकीकृत करते हुए कमांडरों को भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) ओवरले के माध्यम से एकीकृत दृश्य प्रदान करती है।
आईबीएसएस सेना की सेंसर-शूटर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाती है और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाते हुए बल गुणक का काम करती है। इसकी प्रस्तुति 134 एसएटीए रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल श्रुतिका दत्ता और 621 एसएटीए बैटरी के मेजर विकास के नेतृत्व में की गई।
शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम की खासियत
शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम स्वदेशी तकनीक का अनूठा उदाहरण है। यह नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं को तेजी से पार करने में मदद करता है। 9.5 मीटर तक के अंतराल को पाटने और 70 टन वजन तक के टैंकों को सहारा देने में सक्षम यह ब्रिजिंग सिस्टम मात्र 8-10 मिनट में चार व्यक्तियों की टीम द्वारा स्थापित किया जा सकता है।
यह प्रणाली सैन्य अभियानों को कुशल और तेज बनाती है। इसकी प्रस्तुति का नेतृत्व 9 रैपिड इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर के जॉन अब्राहम और 234 आर्मर्ड इंजीनियर रेजिमेंट के कैप्टन जगजीत सिंह ने किया। गणतंत्र दिवस परेड में सेना की यह तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत बनाने का संदेश देता है।