Bad News: नहीं मिलेगा फ्री राशन, बंद हो जाएंगी मुफ्त वाली सभी सरकारी योजनाएं! जानें क्यों
Big News: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है जिसमें कहा गया है कि चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त सेवाओं की घोषणा करके वोट मांगना रिश्वत माना जाए। अदालत ने इस पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
दिवाली जैसे त्योहारों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें सरकार द्वारा चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं को बंद करने की मांग की गई है। याचिका में इन योजनाओं को रिश्वत बताया गया है और चुनाव आयोग से मांग की गई है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा ऐसे वादों पर रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव के समय राजनीतिक दल मुफ्त यात्रा, राशन जैसी सुविधाओं का लालच देकर वोट हासिल करते हैं। जीतने के बाद इन योजनाओं को लागू कर दिया जाता है, जोकि एक तरह की रिश्वत है।
याचिका में चुनाव आयोग से मांग की गई है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त योजनाओं के वादों पर रोक लगाई जाए। चुनाव दौरान इस तरह के वादों को करने और फिर इसे लागू करने को रिश्वत करार दिया जाए। चुनाव आयोग को इलेक्शन के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से की जाने वाले फ्री स्कीम वाले दावों को भी खत्म किया जाए।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। हालांकि, अभी इस मामले में सुनवाई बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को अन्य लंबित मामलों के साथ जोड़ दिया है। अगर कोर्ट का फैसला याचिका के पक्ष में आता है तो भविष्य में सरकार द्वारा चलाई जा रही मुफ्त योजनाएं बंद हो सकती हैं।
देश में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आम जनता के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं। इनमें युवाओं, महिलाओं, किसानों, व्यापारियों और बुजुर्गों सभी के लिए योजनाएं शामिल हैं। लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुफ्त योजनाओं को रिश्वत मानता है, तो इन योजनाओं का बंद होना तय है।
हाल के दिनों में चुनावों में मुफ्त योजनाओं का चलन काफी बढ़ा है। लगभग सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए मुफ्त योजनाओं का वादा करते हैं। जीतने के बाद इन योजनाओं को लागू भी कर दिया जाता है।
कोर्ट का तर्क है कि इस तरह की योजनाओं से सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है और यह चुनावों को प्रभावित भी करती हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि मुफ्त योजनाओं के लालच में लोग सही उम्मीदवार का चुनाव नहीं कर पाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह छूट दी है कि वह इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए अपील कर सकता है। देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के बीच सरकारी योजनाएं गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए मददगार साबित होती हैं। अगर ये योजनाएं बंद होती हैं तो इसका सीधा असर आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा।