चंदन गुप्ता हत्याकांड: 28 दोषियों को उम्रकैद, कासगंज दंगे में मारी गई थी गोली

कासगंज दंगे में चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी। इस मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। छह साल बाद परिवार को इंसाफ मिला है।;

Update: 2025-01-03 14:24 GMT

लखनऊ: कासगंज दंगे में एबीवीपी कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या हो गई थी। दंगाइयों ने चंदन गुप्ता को गोली मारी दी थी। छह साल बाद एनआईए कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाई है। 28 दोषियों कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपियों को गुरुवार को दोषी ठहराया था। इसके बाद सभी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जहां से इनकी याचिका खारिज हो गई है। शुक्रवार को जस्टिस विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

सजा होने के बाद दोषियों ने शुक्रवार को कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर दिया है। दरअसल, चंदन गुप्ता की हत्या तिरंगा जुलूस के दौरान 26 जनवरी 2018 को हुई थी। चंदन की मौत के बाद कासगंज में दंगा भड़का था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए थे। उस दौरान इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था। स्थिति को नियंत्रित करने में प्रशासन को काफी समय लगा था।

गौरतलब है कि 26 जनवरी 2018 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद औऱ हिंदू युवा वााहिनी के सदस्य बाइक पर तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। चंदन गुप्ता भी इसी भीड़ में तिरंगा और भगवा झंडा लेकर घूम रहा था। प्रशासन ने उस वक्त यात्रा निकालने की इजाजत नहीं थी लेकिन ये लोग नहीं माने। इस दौरान छोटी-छोटी गलियों से होते हुए कासगंज इलाके में घुसे। यह मुस्लिम बहुल इलाका है। इस इलाके में तिरंगा यात्रा जब घुसी तो स्थानीय लोगों के साथ विवाद हो गया है।

माहौल इतना बिगड़ा की पत्थरबाजी शुरू हो गई। साथ ही दूसरे पक्ष के लोगों ने गोली चला दी। इसमें एक गोली सीधे चंदन गुप्ता को लगी और उसकी मौत हो गई है। चंदन की हत्या के बाद इलाके में दंगा भड़का था। मामले में कुल 31 लोग आरोपी बनाए गए थे। बाद में कोर्ट ने नसरुद्दीन औऱ असीम कुरैशी को सबूत के अभाव में बरी कर दिया। वहीं, एक अन्य आरोपी अजीजुद्दीन की मौत हो गई है। 

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