Tirupati Prasad: मछली का तेल... तिरुपति मंदिर के प्रसाद के साथ ये क्या?

Tirupati Mandir Prasad: तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई जाती थी। यह आरोप आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर लगाया है। सैंपल रिपोर्ट में फिश ऑयल का खुलासा हुआ है।

Update: 2024-09-19 15:47 GMT

हैदराबाद: हिंदुओं के आस्था के सबसे बड़े केंद्र तिरुपति मंदिर प्रसाद को लेकर बड़ी बात सामने आई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि तिरुपति में प्रसाद बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को टेस्ट के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक तिरुपति में प्रसाद बनाने के लिए फिश ऑयल का इस्तेमाल हो रहा था। फिश ऑयल का मतलब मछली का तेल होता है।

घी में बने होने का किया जाता है दावा

दरअसल, दक्षिण भारत के तिरुमाला पर्वत पर तिरुपति मंदिर स्थित है। यह आंध्र प्रदेश राज्य में पड़ता है। इस मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों में होती है। यहां हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में श्रद्धालुओं को जो प्रसाद मिलता है। वह घी में बने होने का दावा किया जाता है। बड़े-बड़े आकार के लड्डुओं को यहां नैवेद्यम कहा जाता है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के खुलासे के बाद यह कहा जाने लगा है कि यह हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ है।

जानवरों की चर्बी मिलाई गई

सीएम चंद्राबाबू नायडू ने हाल ही मे एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में बनने वाले लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई गई। साथ ही लड्डू निर्माण में घटिया सामाग्री का इस्तेमाल होता था। उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि लड्डू के निर्माण में अच्छी सामाग्री का इस्तेमाल किया जाए।

जगन ने किया पलटवार

वहीं, चंद्राबाबू नायडू के बयान पर जगन मोहन रेड्डी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि तिरुमाला की पवित्रता पर सवाल उठाकर उन्होंने करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर चोट किया है। यह बड़ा पाप है। इंसान में जन्मा कोई भी व्यक्ति ऐसी बात नहीं करता है। उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार भक्तों की आस्था के लिए तिरुमाला की प्रसाद के साथ शपथ लेने को तैयार हैं।

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