भारत में चीन भेज रहा सफेद 'जहर', जहरीले 'खेल' से खत्म करना चाहता है इंडिया का 'पावर'

Chinese Garlic: चीन से आने वाला जहरीला लहसुन भारतीय बाजार में चोरी-छुपे फैल रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

Update: 2024-09-18 16:06 GMT

चीन का जहरीला लहसुन एक बार फिर भारत समेत कई देशों में लोगों की सेहत के लिए खतरा बन गया है। सस्ते दामों और चोरी-छिपे तस्करी के कारण यह जहरीला लहसुन भारतीय बाजारों में पहुंच रहा है, जिससे लोगों की सेहत को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही भारतीय किसानों और व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन के इस जहरीले लहसुन में 'मिथाइल ब्रोमाइड' नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसे फफूंद से बचाने के लिए होता है। यह रसायन इंसानों के लिए बहुत हानिकारक होता है और लीवर, किडनी और नसों की बीमारियों का कारण बन सकता है। लंबे समय तक इसके सेवन से आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

2014 से ही चीनी लहसुन पर रोक

दरअसल, भारत ने 2014 में ही चीन से लहसुन के आयात पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद, तस्कर चोरी-छिपे इस जहरीले लहसुन को भारतीय बाजारों में पहुंचा रहे हैं। हाल ही में गुजरात के 'गोंडल एग्रीकल्चर प्रोड्यूस' बाजार से 750 किलो चीनी लहसुन जब्त किया गया है। इस घटना के बाद व्यापारियों ने सरकार को इसकी सूचना दी है और इस जहरीले लहसुन से होने वाले खतरे के बारे में आगाह किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कि यह जहरीला लहसुन लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

निशाने पर भारतीय बाजार

बता दें कि भारत और चीन दोनों ही लहसुन के बड़े उत्पादक हैं। लेकिन चीन के लहसुन में हानिकारक रसायनों के इस्तेमाल और घटिया गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग कम हो गई है। दूसरी ओर, भारत के देसी लहसुन की मांग देश और विदेश दोनों जगह बढ़ रही है। खासकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में उगाया जाने वाला लहसुन अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी लोकप्रिय हो रहा है। चीन अब सस्ते दामों पर अपने जहरीले लहसुन को भारत में खपाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह फिर से अपना बाजार हासिल कर सके।

अब तक 1400 क्विंटल जहरीला चीनी लहसुन नष्ट

हाल ही में कस्टम विभाग ने नेपाल के रास्ते भारत आ रहे 16 टन चीनी लहसुन को जब्त किया है। विभाग अब तक 1400 क्विंटल जहरीला चीनी लहसुन नष्ट कर चुका है। सरकार और संबंधित विभाग इस जहरीले लहसुन के कारोबार को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तस्करी अभी भी जारी है।

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