ATM नहीं हैं मर्द... सूरत में पत्नियों से पीड़ित पतियों ने निकाला मार्च, की है बड़ी मांग

अपनी पत्नियों से प्रताड़ित पुरुषों ने सूरत में प्रदर्शन किया है। साथ ही सरकार से पुरुष आयोग बनाने की मांग की है। इन पुरुषों के हाथ में तख्तियां थीं। तख्ती में पुरुषों ने मांग की है कि झूठे मुकदमों में पुरुषों को फंसाया जा रहा है।;

Update: 2024-12-29 07:43 GMT

सूरत: इंजीनियर अतुल सुभाष केस के बाद पत्नियों से प्रताड़ित पति अब खुलकर सामने आने लगे हैं। सूरत में पंपलेट और प्लेकार्ड लेकर पुरुषों ने प्रदर्शन किया है। साथ ही पुरुष आयोग बनाने की मांग की है। पुरुषों का आरोप था कि महिलाएं अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रही हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि झूठे मुकदमों से पुरुष प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्हें न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

पीड़ित पुरुषों ने यह प्रदर्शन सूरत शहर के अठवां लाइंस सर्किल पर किया है। इसमें बड़ी संख्या में पुरुष शामिल हुए हैं। साथ ही सभी के हाथों में तख्तियां भी थीं। पुरुषों ने तख्तियों में लिखा था कि मेन राइट्स आर ह्यूमन राइ्टस। साथ ही 2014 से 2022 के बीच पुरुषों के सुसाइड केस के आंकड़े भी लिख रखे थे। मार्च में शामिल पुरुषों की पीड़ा अलग-अलग थी। सभी ने अपने-अपने हिसाब से स्लोगन लिख रखे थे।

प्रदर्शन में शामिल चिराग भाटिया ने कहा कि इंजीनियर अतुल सुभाष ने फर्जी केस की वजह से आत्महत्या की। हम उसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अतुल सुभाष को न्याय मिलना चाहिए। पुरुषों के लिए भी एक अलग से कानून बनना चाहिए। आज की तारीख में कई महिलाएं पुरुषों पर फर्जी केस कर रही हैं। कोर्ट में यह साबित भी हो रहा है।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हम चाहते हैं कि पुरुषों के लिए एक आयोग बने, जहां लोगों को न्याय मिल सके। यहां पर हम जितने भी विक्टिम हैं, सबकी पत्नियों ने फर्जी मुकदमे कर रखे हैं। हम कोर्ट में धक्के खा रहे हैं। हम मेंटेनेंस दे रहे हैं लेकिन पत्नियां बच्चों से मिलने नहीं दे रही है।

पीड़ित लोगों ने कहा कि हमसे सेटलमेंट के नाम पर पैसा मांगा जा रहा है। यह गैरकानूनी एक्स्ट्रोशन है। जेंडर इक्वलिटी के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है। हमारे घर में भी माता-बहनों को टॉर्चर किया जा रहा है। 

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