दिल्ली की सीएम बनीं रेखा गुप्ता, 20 फरवरी को लेंगी शपथ, जानें कौन हैं
विधायक दल की मीटिंग के बाद दिल्ली सीएम के नाम की घोषणा हो गई है। 50 वर्षीय रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी है। वह दिल्ली के शालीमार बाग से विधायक हैं।;
दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर चल रहे सस्पेंस पर पर्दा हट गया है। विधायक की दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग गई है। विधायक दल की बैठक में शालीमारबाग से विधायक रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी है। मुख्यमंत्री चुनने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक बनाया गया था। सीनियर नेताओं के साथ राय मशविरा के बाद रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी है। हालांकि इस रेस में कई सीनियर नेता भी थे लेकिन बीजेपी ने रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाकर सभी को चौंका दिया है।
दरअसल, रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर बीजेपी ने कई चीजों को साधने की कोशिश की है। रेखा गुप्ता वैश्य समाज से आती हैं। दिल्ली में वैश्य वोटरों की संख्या करीब 46 फीसदी है। इसके साथ ही इसी साल बिहार में भी चुनाव है। बीजेपी ने रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर वैश्य समाज को साधने की कोशिश की है। इसके साथ ही बीजेपी के पास कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं है। महिलाएं बीजेपी के लिए एक बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में यह भी एक वजह मानी जा रही है कि बीजेपी ने रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर पूरे देश में महिलाओं को साधने की कोशिश करेगी। क्योंकि दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार आई है। दिल्ली पर राज मतलब देश पर राज होता है।
27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिली है। ऐसे में महिला मुख्यमंत्री को चुनकर बीजेपी ने एक बड़ा संदेश दिया है। बीजेपी हमेशा अपने फैसलों से चौकाती है। इस बार भी लोगों को हैरान कर दिया है। रेखा गुप्ता विवादों से भी दूर रहती हैं। वह शुरुआती दिनों से ही बीजेपी से जुड़ी रही हैं। वह मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। हरियाणा के जिंद से आती हैं। शालीमार बाग सीट से वह 2015 और 2020 में चुनाव हार चुकी हैं। पार्टी ने तीसरी बार उन्हें मौका दिया है। इस बार 2025 में उन्होंने जीत हासिल कर ली है। रेखा गुप्ता बीजेपी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी हैं। साथ ही महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष हैं।
पार्टी ने उन्हें सीएम बनाकर सभी को चौंका दिया है। रेखा गुप्ता 20 फरवरी को शपथ लेंगी। पहले सीएम पद के लिए दावेदार प्रवेश वर्मा थे। लेकिन वह महिला फैक्टर की वजह से रेस से बाहर हो गए हैं। इस बार बीजेपी को दिल्ली में 70 में से 48 सीटें मिली हैं।
वहीं, रेखा गुप्ता की बात करें तो वह आरएसएस की सक्रिय सदस्य हैं। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं। छात्र जीवन में ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी थी। 1994-95 में वह दौलत राम कॉलेज में सचिव चुनी गई थीं। साथ ही 1995-96 में डीयू छात्र संघ की सचिव चुनी गई थी। 1996-97 में रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ की अध्यक्ष भी बनी थीं। 2004-2004 में वह बीजेपी युवा मोर्चा दिल्ली में सचिव रहीं। 2004-2006 के बीच वह युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं। अप्रैल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से बीजेपी के टिकट पर पार्षद बनीं। नगर निगम पार्षद बनने के बाद 2007-2009 तक महिला कल्याण और बाल विकास समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गईं। मार्च 2010 में उन्हें भाजपा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है। अभी वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
रेखा गुप्ता मूल से रूप के हरियाण की जिंद की रहने वाली हैं। उनका पुश्तैनी घर नंदगढ़ जिंद में है। उनके दादा मनिराम और परिवार के बाकी लोग वहां रहते हैं। रेखा के पिता जयभगवान की नौकरी दिल्ली में थी। उनका पूरा परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया। स्कूली पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन तक दिल्ली से हुई है। रेखा गुप्ता की शादी 1998 में मनीष गुप्ता से हुई थी। वह स्पेयर पार्ट्स का कारोबार करते हैं।