Dhanteras: धनतेरस पर सोना और चांदी क्यों खरीदा जाता हैं, जानें महत्व
Dhanteras 2024: धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले आता है और इसे देवी लक्ष्मी व धन्वंतरि के पूजन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गहने या धातुओं से बनी वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है।
दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। यह त्योहार, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और आरोग्य के देवता धन्वंतरि को समर्पित होता है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर की गई खरीदारी में 13 गुना वृद्धि होती है। इसलिए लोग इस दिन सोने के गहने, चांदी के सिक्के और बर्तन खरीदते हैं। इसके अलावा, धनतेरस पर झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसमें देवी लक्ष्मी का वास होता है।
धनतेरस का त्योहार धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और आरोग्य के देवता धन्वंतरि को समर्पित होता है। यह त्योहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि सोना समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर की गई किसी भी वस्तु की खरीदारी में 13 गुना वृद्धि होती है। इसलिए लोग अपनी क्षमता अनुसार सोने के गहने, चांदी के सिक्के या अलग-अलग धातुओं से बने बर्तन खरीदते हैं।
इसके अलावा, धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू में देवी लक्ष्मी का वास होता है और इसे घर लाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हिंदू धर्म में सोने के गहनों को पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन सोने की कोई भी छोटी सी चीज खरीदने से आपके धन-धान्य में कई गुना वृद्धि होती है और आपके घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
इस साल स्थिर लग्न में दिवाली की पूजा 31 अक्टूबर को होगी। अगर आप सोने के गहने या कोई और खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो जान लें शुभ मुहूर्त क्या है। धनतेरस पर सोने के गहने खरीदने का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यानी आप धनतेरस के दिन सुबह 10:30 बजे के बाद कभी भी खरीदारी कर सकते हैं।
पुरानी मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सोने-चांदी की वस्तुओं को घर लाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में संपन्नता बनी रहती है। सोने को शुद्धता, शक्ति और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, धनतेरस पर खरीदी गई धातुएं घर में स्थायित्व और खुशहाली को बनाए रखती हैं।
यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसे परिवार के सदस्यों की समृद्धि और उनके जीवन में खुशियां लाने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। धनतेरस पर जब घर के सदस्य गहने खरीदते हैं तो वे यह संकल्प लेते हैं कि आने वाले साल में भी उनके जीवन में लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे।