MP News: सिख रेजीमेंट के जवानों का शौर्य देखकर दांतों तले दबा लेंगे उंगली, सीएम मोहन यादव रहे मौजूद
Bhopal 3 EME Center News: भोपाल स्थित थ्री ईएमई सेंटर में पूर्व सैनिकों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के दौरान सिख रेजिमेंट के जवानों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित थ्री ईएमई सेंटर में भूतपूर्व सैनिकों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीएम मोहन यादव भी गए थे। सेना के इस कार्यक्रम में सिख जवानों ने अपने शौर्य का पराक्रम दिखाया है। सिख जवानों के साहस को देखकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। सीएम मोहन यादव भी इस पल के गवाह बने हैं। सिख रेजीमेंट के जवानों ने एक से बढ़कर एक साहसी चीजों का प्रदर्शन किया है।
थ्री ईएमई सेंटर में कार्यक्रम के दौरान 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से उतरे और जवानों से मिले। उनका उत्साहवर्धन किया और जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी ली।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेवा का मनोबल बढ़ा है। नवीन तकनीक का नवीनतम हथियार सेना को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में अग्रणी है, सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने सेना और उनके परिवारों के लिए लिए गए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी। सहायता राशि का आधा भाग शहीद की पत्नी को और आधा भाग आश्रित माता पिता को दिया जाएगा।
शहीदों के माता पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रुपए और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपए की गई है।
प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई, जो कि देश में कही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश निवासी ऐसे माता पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है।