बिहार में बाढ़ के बीच रेलवे ने दिया जोर का झटका, कटिहार-दरभंगा-सहरसा के लिए है बड़ी खबर

Bihar Flood News: बिहार 13 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जोगबनी रेलवे स्टेशन पर पानी भरने के कारण कई ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है।

Update: 2024-09-29 06:47 GMT

नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बिहार में तबाही मचा दी है। कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। नेपाल में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में रेलवे ट्रैक तक पानी भर गया है, जिससे ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। जोगबनी रेलवे स्टेशन पानी में डूबा हुआ है, इसलिए कटिहार-जोगबनी और दरभंगा-सहरसा-जोगबनी रेलखंड पर चलने वाली सभी ट्रेनों को फारबिसगंज से चलाया जा रहा है।

जल संसाधन विभाग ने बताया कि नेपाल में 27 सितंबर से लगातार बारिश हो रही है, जिससे बिहार की नदियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। कोसी और गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कोसी बैराज से रिकॉर्ड 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो 1968 के बाद सबसे अधिक है। इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

वाल्मीकिनगर बैराज से भी शनिवार शाम तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो 2003 के बाद सबसे अधिक है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल के अनुसार, 27 सितंबर से नेपाल में लगातार बारिश हो रही है। नेपाल ने शनिवार शाम तक गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था।

भारी बारिश के कारण जोगबनी रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है। ऐसे में जोगबनी से चलने वाली सभी ट्रेनों को फारबिसगंज स्टेशन से चलाया जा रहा है। कटिहार-जोगबनी और दरभंगा-सहरसा-जोगबनी रेलखंड पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। यात्रियों की परेशानी को कम करने के लिए फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाई गई है। यहां यात्रियों को ट्रेनों की आवाजाही की जानकारी दी जा रही है।

अचानक ट्रेनों के फारबिसगंज स्टेशन पर रुकने से यात्रियों में बेचैनी है। वे परेशान हैं और अपनी ट्रेनों के बारे में जानना चाहते हैं। दिल्ली से आने वाली सीमांचल एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को फारबिसगंज स्टेशन पर ही रोक दिया गया है। जोगबनी-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, जोगबनी-रक्सौल एक्सप्रेस, जोगबनी-सहरसा, जोगबनी-दरभंगा समेत अन्य ट्रेनें भी फारबिसगंज से ही चल रही हैं।

कोसी और गंडक नदियों में उफान से उत्तरी और मध्य बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार और पूर्णिया जिलों में बाढ़ का खतरा सबसे अधिक है। पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्य में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं।

भारी बारिश से पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया समेत कई जिलों के निचले इलाकों में पानी भर गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है।

आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे 13 जिलों में पहले से ही बाढ़ जैसे हालात हैं। बारिश के बाद नदियों का जलस्तर और बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित जिलों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

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