Bihar Jamin Survey: गैर मजरुआ जमीन पर बिहार सरकार करेगी कब्जा, भूमि सर्वे पर किया गया बड़ा बदलाव

Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वेक्षण अब आसान हुआ। खाता और प्लॉट नंबर से आवेदन करें। खतियान अब जरूरी नहीं है। गैर मजरुआ जमीन सरकार के नाम होगी।;

Update: 2024-11-28 08:29 GMT

Bihar Jamin Survey: बिहार सरकार ने जमीन सर्वे की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं। ये बदलाव आम लोगों को सुविधा देने और जमीन विवादों को कम करने के लिए लाए गए हैं। अब लोगों को सर्वे के लिए सिर्फ खाता और प्लॉट नंबर देना होगा। पुराने कागजात की जरूरत नहीं रहेगी। गैर मजरुआ जमीन का सर्वे सरकार के नाम पर होगा, लेकिन फिलहाल किसी को बेदखल नहीं किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा न कर सके।

दरअसल, बिहार में जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। अब सर्वे के लिए आवेदन करने वालों को सिर्फ खाता और प्लॉट नंबर की जानकारी देनी होगी। खतियान या अन्य दस्तावेज अब जरूरी नहीं रहेंगे। माना जा रहा है कि यह बदलाव आम लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। खासकर जिनके पास पुराने दस्तावेज खो गए हैं या खराब हो गए हैं, उनके लिए यह एक बड़ी सुविधा है। इससे समय की बचत होगी और सर्वे का काम तेजी से पूरा हो सकेगा।

गैर मजरुआ जमीन, यानी सरकारी जमीन का सर्वे अब सरकार के नाम पर होगा। इसमें कैसरे हिंद, बकाश्त भूमि, भू-दान, भू-हदबंदी, बासगीत पर्चा, बंदोबस्ती पर्चा, वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की ज़मीनें शामिल हैं। हालांकि, जिन लोगों का इन जमीनों पर कब्जा है, उन्हें फिलहाल बेदखल नहीं किया जाएगा। लेकिन उन्हें अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य, जैसे रसीद या खतियान, प्रस्तुत करने होंगे। सरकारी जमीन की जानकारी संबंधित अंचलाधिकारी देंगे। सरकार का मकसद है कि कोई भी फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए सरकारी जमीन पर कब्जा न कर सके।

जानकारी के अनुसार, अब तक सर्वे के लिए 2.41 लाख आवेदन आ चुके हैं। इनमें से 1.19 लाख आवेदन ऑनलाइन और 1.22 लाख ऑफलाइन मिले हैं। ऑफलाइन आवेदनों को ऑनलाइन करने का काम जारी है। राज्य भर में 47 लाख परिवारों ने अपने दस्तावेज जमा करा दिए हैं। 3,000 गांवों में सर्वे और खतियान बनाने का काम पूरा हो गया है। अब तक 36,000 ग्राम सभाएं आयोजित की जा चुकी हैं। 28 लाख लोगों ने जमीन के दावे के पत्र और सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज जमा किए हैं।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय कुमार सिंह ने बताया कि सरकार का यह कदम पारदर्शिता और सरलता लाने के लिए है। इससे न सिर्फ प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि जमीन से जुड़े विवादों और दावों का भी आसानी से निपटारा हो सकेगा। इससे आम लोगों को काफी फायदा होगा और जमीन संबंधी मामलों में होने वाली धांधली पर भी रोक लगेगी।

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