Bihar News: 48 महीने पहले मर गई थी वो, अब हुई जिंदा; असली कहानी आई सामने तो घर वाले हुए हैरान

Bhojpur News Today: भोजपुर जिले में चार सालों से मृत घोषित विवाहिता को पुलिस ने मीरगंज से जिंदा बरामद किया। महिला के मायके वालों ने दहेज हत्या का मामला दर्ज किया था।

Update: 2024-10-20 02:50 GMT

बिहार के भोजपुर जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। जिस महिला को चार साल पहले मृत मान लिया गया था और जिसके ससुराल वालों को दहेज हत्या के आरोप में जेल जाना पड़ा था, वो जिंदा मिली है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला के लापता होने के पीछे उसके अपने ही पिता का हाथ था।

मामला चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव का है। यहां के रहने वाले अवध बिहारी सिंह ने अपनी बेटी धर्मशीला देवी की शादी 2015 में चौरी थाना के ही बहुआरा छपरा गांव निवासी प्रमोद सिंह के बेटे दीपक सिंह से की थी। कुछ समय बाद धर्मशीला अपने मायके आ गई और फिर वहां से बिना बताए चली गई।

29 अक्टूबर 2020 को अवध बिहारी सिंह ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके दामाद दीपक सिंह, ससुर प्रमोद सिंह और देवर रविशंकर ने दहेज के लिए उनकी बेटी की हत्या कर दी है। उन्होंने खड़ाव सोन नदी से मिले एक महिला के शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दीपक सिंह, प्रमोद सिंह और रविशंकर करीब ढाई से तीन साल तक जेल में रहे। बाद में उन्हें जमानत मिल गई लेकिन उनपर मुकदमा चलता रहा।

हाल ही में धर्मशीला टाउन थाना क्षेत्र के मीरगंज से जीवित मिली है। पुलिस पूछताछ में धर्मशीला ने बताया कि उसकी मां की मृत्यु उसकी शादी के कुछ महीने बाद ही हो गई थी। मां के गुजरने के बाद वह अपने पिता की देखभाल के लिए मायके आ गई थी। धर्मशीला ने बताया कि उसके पिता उसका शोषण करना चाहते थे और उसे प्रताड़ित करते थे। इससे डरकर वह घर से भाग गई थी।

धर्मशीला ने बताया कि जब वह ट्रेन से कटकर अपनी जान देने जा रही थी, तो अजय नाम के एक व्यक्ति ने उसे बचा लिया। धर्मशीला के अनुसार, उसके पिता ने उसे फंसाने के लिए उसके ससुराल वालों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं, पीरो के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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