पटना में बनता था फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, R-15 बाइक ने खोले नूरसराय वाला राज तो उड़े पुलिस के होश

High Security Number Plates: पटना में फर्जी नंबर प्लेट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ। चित्रगुप्त नगर थाना पुलिस ने छापेमारी कर तीन दुकानदारों को गिरफ्तार किया। उनके पास से मशीन, स्टिकर और 244 नंबर प्लेट बरामद हुए।

Update: 2024-12-23 03:31 GMT

पटना: बिहार की राजधानी पटना के चित्रगुप्त नगर थाने की पुलिस ने फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाले तीन दुकानदारों को गिरफ्तार किया है। ये दुकानदार भट्टाचार्य रोड पर दुकान चलाते थे और पैसे लेकर नकली IND नंबर प्लेट बनाते थे। पुलिस ने उनके पास से नकली नंबर प्लेट बनाने वाली मशीन, स्टिकर और 244 तैयार और अधबने नंबर प्लेट बरामद किए हैं।

गिरफ्तार दुकानदारों में गुड्डू कुमार (बाइपास), बैजू कुमार (दीदारगंज) और संजय कुमार (कदमकुआं) शामिल हैं। पुलिस को और भी दुकानदारों के नाम पता चले हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी जारी है। इन नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल चोरी की गाड़ियों या 1 अप्रैल 2019 से पहले की गाड़ियों में किया जाता था। इससे पहले पुलिस ने दो बाइक चोरों को भी पकड़ा था, जिनसे इस रैकेट का खुलासा हुआ।

पुलिस के अनुसार, ये नकली नंबर प्लेट चोरी की गाड़ियों में इस्तेमाल होते थे। पुराने गाड़ियों में भी इनका इस्तेमाल होता था। पुराने गाड़ियों से मतलब है 1 अप्रैल 2019 से पहले की गाड़ियां। इससे पहले पुलिस ने दो बाइक चोरों को पकड़ा था। एक अविनाश कुमार था और दूसरा नाबालिग था। ये दोनों एक बड़े बाइक चोर गिरोह के सदस्य हैं। इस गिरोह में और भी कई लोग शामिल हैं।

छापेमारी के दौरान पुलिस को पता चला कि दुकानदार मशीन से IND नंबर प्लेट बना रहे थे। डुप्लीकेट स्टिकर भी मशीन से ही बन रहे थे। थानेदार आलोक कुमार ने बताया कि पहले नंबर प्लेट पर IND और स्टिकर लगाए जाते थे। फिर मशीन से नंबर लिखा जाता था। उसके बाद 'इंडिया' लिखा स्टिकर मशीन से काटकर चिपकाया जाता था। बाइक चोर गाड़ी के नंबर की फोटो दुकानदार को देते थे। इसके लिए वो 400 रुपये देते थे। दुकानदार कुछ ही मिनटों में नकली IND नंबर प्लेट बना देते थे।

दरअसल, शनिवार को पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक R-15 बाइक पकड़ी थी। बाइक एक नाबालिग चला रहा था। बाइक पर लगे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जांच की गई। पता चला कि वो कार का नंबर था। बाइक नूरसराय के चंद्रमणि की थी, जो चोरी हो गई थी। नाबालिग ने बताया कि उसने चोरी की बाइक खरीदी थी। बाइक बेचने वाले का नाम अविनाश है, जो फतुहा का रहने वाला है। पुलिस ने फतुहा में छापा मारकर अविनाश को गिरफ्तार कर लिया।

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