बिहार का फिर होगा बंटवारा? 2025 चुनाव से पहले रबड़ी ने चला 'M' वाला दांव, हांफने लगी बीजेपी

Bihar News: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में संविधान की मैथिली प्रति पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग रखी। भाजपा नेताओं ने इस मांग को वोट बैंक की राजनीति बताया।;

Update: 2024-11-28 09:17 GMT

Patna News: बिहार में मैथिली भाषा में संविधान की प्रति आने के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई है। यह मांग विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान उठी। भाजपा नेता संविधान के मैथिली अनुवाद के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दे रहे थे, तभी राबड़ी देवी ने यह मांग रखी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राजद अगले विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दों पर वोट बटोरने की कोशिश कर रही है। मिथिलांचल एनडीए का गढ़ माना जाता है और राजद वहां अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मंत्री हरि सहनी, घनश्याम ठाकुर, संजय मयूख समेत कई भाजपा विधायक संविधान के मैथिली अनुवाद के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर रहे थे। इसी दौरान राबड़ी देवी ने मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग रख दी। उन्होंने कहा कि मिथिला अलग राज्य बनना चाहिए। वहीं, राजनीतिक जानकार इसे राजद की चुनावी रणनीति मान रहे हैं।

सियासी पंडितों के अनुसार, भाजपा ने संविधान का मैथिली अनुवाद करके मिथिलांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की थी। इससे भाजपा नेता काफी उत्साहित थे। ऐसे में राबड़ी देवी के इस बयान को राजनीतिक चाल के तौर पर देखा जा रहा है। यह आने वाले समय में बिहार की राजनीति की दिशा तय कर सकता है।

राबड़ी देवी के इस बयान पर भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मिथिला में घुसपैठ बढ़ रही है और मुस्लिम आबादी बढ़ गई है। उनका कहना है कि राबड़ी देवी मिथिला को अलग राज्य बनाकर उसे 'इस्लामिक स्टेट; बनाना चाहती हैं। उन्होंने राबड़ी देवी पर वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।

बता दें कि मिथिलांचल बिहार का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, यहां मैथिली भाषा बोली जाती है। इस क्षेत्र में कई जिले आते हैं। यह क्षेत्र सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है और अपनी परंपराओं के लिए जाना जाता है। राजनीतिक रूप से भी यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है और कई दलों की नजर यहां के वोटरों पर रहती है। अलग मिथिला राज्य की मांग लंबे समय से उठती रही है, लेकिन अभी तक इसे मूर्त रूप नहीं मिल पाया है। देखना होगा कि राबड़ी देवी की इस मांग का आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ता है। लेकिन इतना तय है कि रबड़ी देवी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। राजद और एनडीए के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

Tags:    

Similar News