नीतीश कुमार की पार्टी के अंदर सब ठीक नहीं? अशोक चौधरी के 'शराब कांड' पर बवाल जारी है

बिहार सरकार के मंत्री और सीएम नीतीश के खास अशोक चौधरी एक बार जेडीयू में राजनीति के केंद्र में हैं। और इस बार उनके खिलाफ जेडीयू के एक विधायक ने ही मोर्चा खोल रखा है।

Update: 2024-10-07 13:21 GMT

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास और मंत्री अशोक चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार वजह है दुबई दौरे की एक तस्वीर। तस्वीर में अशोक चौधरी जिस मेज पर बैठे हैं, वहां शराब की बोतल और गिलास दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर को लेकर जेडीयू विधायक संजीव कुमार ने आपत्ति जताई है और अशोक चौधरी को मंत्री पद से हटाने की मांग की है।

ऐसा नहीं है कि पहली बार अशोक चौधरी विवादों में घिरे हैं। पिछले साल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से उनकी तीखी बहस ने सबका ध्यान खींचा था। उस समय भी नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली थी, जिसे ललन सिंह के प्रति नाराजगी और अशोक चौधरी के प्रति वफादारी के तौर पर देखा गया था।

इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले भूमिहार बिरादरी को लेकर दिए एक बयान के बाद भी अशोक चौधरी पार्टी के निशाने पर आ गए थे। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार से लेकर विधायक संजीव कुमार तक उनके खिलाफ हो गए थे। हालांकि, अशोक चौधरी ने सफाई दी थी, लेकिन पार्टी में उनके विरोधी अभी भी शांत नहीं हुए हैं।

हाल ही में अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की थी, जिसमें बुढ़ापे की सीख थी। जेडीयू नेताओं ने इसे नीतीश कुमार के बुढ़ापे से जोड़कर हंगामा खड़ा कर दिया था। इस मामले में भी नीरज कुमार सबसे आगे थे। हालांकि, नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को अपने आवास पर बुलाकर बातचीत की और कुछ दिन बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया।

भूमिहारों पर दिए बयान के बाद भी अशोक चौधरी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग उठी थी, लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पुरस्कृत ही किया था। शुरुआत में अशोक चौधरी का नाम महासचिवों की सूची में नहीं था, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार उनसे नाराज हैं। अब दुबई दौरे की तस्वीर ने एक बार फिर अशोक चौधरी को विवादों में ला दिया है। विधायक संजीव कुमार ने तस्वीर को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।

संजीव कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी की पहल नीतीश कुमार ने की और उनका ही मंत्री शराब रखी टेबल के पास विदेश में बैठा है। यह जेडीयू की नीति और नीतीश कुमार का सरासर अपमान है। ऐसे मंत्री तो को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। ऐसे में ये देखना होगा कि नीतीश कुमार इस बार अशोक चौधरी के मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या वे अपने करीबी नेता का बचाव करते हैं या फिर पार्टी के दबाव में आकर कोई कड़ा कदम उठाते हैं?

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