Bihar Flood: बाढ़ से बिहार बेहाल... कोसी, बागमती और गंडक नदियों के तटबंध टूटने से हालत गंभीर
Bihar Flood News: बिहार में आई भयंकर बाढ़ ने 16 जिलों में तबाही मचा दी है। बाढ़ से 9.90 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। दरभंगा और सीतामढ़ी में नदी किनारे बने तटबंध टूटने से बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
बिहार में आई बाढ़ ने 16 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे 9.90 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक नुकसान दरभंगा और सीतामढ़ी जिलों में हुआ है, जहां कोसी और बागमती नदियों के तटबंध टूटने से पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, गंडक कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 16 जिलों पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 55 प्रखण्डों में 269 ग्राम पंचायतों की करीब 9.90 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
चार जिलों में सात जगहों पर नदी किनारे बने तटबंध टूटने की खबर है। सीतामढ़ी जिले में बेलसंड प्रखंड के मधकौल, सौली रूपौली और रून्नीसैदपुर प्रखंड के तिलकताजपुर और खडुआ में तटबंध टूट गए हैं। बयान में आगे बताया गया है कि पश्चिमी चम्पारण जिला में बगहा-एक प्रखण्ड के अन्तर्गत खैरटवा गांव में तथा शिवहर जिला के तरियानी प्रखण्ड के अन्तर्गत छपरा में एवं दरभंगा जिला के अन्तर्गत किरतपुर प्रखण्ड के भुबोल गांव में कोसी का तटबंध टूट गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालात का जायजा लेने के लिए बाढ़ प्रभावित दरभंगा और सीतामढ़ी जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री के साथ आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी थे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, हवाई सर्वेक्षण के पश्चात अधिकारियों की टीम ने दरभंगा के जिलाधिकारी एवं दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए अमृत ने कहा कि दंरभंगा के जिलाधिकारी को मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी)के अनुसार तत्परतापूर्वक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं, बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक और भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव आशुतोष ने दरभंगा में डेरा डाल दिया है।
दरभंगा के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सीतामढ़ी जिले के बाढ़ प्रभावित बेलसंड प्रखंड का भी हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी राहुल कुमार को सीतामढ़ी में तैनात किया गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए NDRF और SDRF की 15-15 टीमें तैनात की गई हैं।
बिहार सरकार ने शनिवार और रविवार को बीरपुर और वाल्मीकिनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ की चेतावनी जारी की थी। हालांकि, गंडक और कोसी नदियों पर वाल्मीकिनगर और वीरपुर में बने बैराज से सोमवार की सुबह अपेक्षाकृत कम पानी छोड़ा गया। वाल्मीकिनगर बैराज से रविवार को जहां 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वहीं सोमवार सुबह आठ बजे तक पानी छोड़े जाने की मात्रा 1.89 लाख क्यूसेक थी। इसी तरह 29 सितंबर को वीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन सोमवार सुबह आठ बजे तक 2.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण उपायों के तहत बिहार सरकार ने अब पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, किशनगंज, मधुबनी और सुपौल जिलों में और अधिक बैराज के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है। अगले कुछ दिनों तक जलस्तर पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।