मंदिर जाने वाले मूर्ख होते हैं... लालू यादव की पार्टी के MLA के विवादित बोल- देवी देवताओं पर उठाए सवाल

RJD MLA Fateh Bahadur Singh: डेहरी के राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने मंदिरों पर फिर विवादित बयान दिया। उन्होंने मंदिरों को अंधविश्वास, पाखंड और मूर्खता का केंद्र बताया।

Update: 2024-12-16 14:13 GMT

सासाराम: रोहतास जिले के डेहरी से राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह फिर से विवादों में हैं। उन्होंने मंदिरों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। डेहरी के देवरिया गांव में जीडी ग्रीन पब्लिक स्कूल के एक समारोह में उन्होंने कहा कि मंदिर अंधविश्वास, पाखंड और मूर्खता की ओर ले जाते हैं, जबकि स्कूल तर्क, विज्ञान और बदलाव की राह दिखाते हैं। उन्होंने सावित्रीबाई फुले के विचारों का हवाला देते हुए हिंदू धर्मग्रंथों में शुद्र शब्द का भी जिक्र किया। विधायक ने ब्राह्मणवाद पर भी टिप्पणी की और कहा कि सभी मनुष्य समान हैं।

डेहरी के राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह देवरिया गांव के जीडी ग्रीन पब्लिक स्कूल में आयोजित एक सम्मान समारोह में उन्होंने बच्चों को मंदिर भेजने की बजाय स्कूल भेजने की वकालत की। उनका कहना था कि मंदिर अंधविश्वास, पाखंड और मूर्खता को बढ़ावा देते हैं। जबकि स्कूल तर्कसंगत ज्ञान, वैज्ञानिक सोच और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। विधायक ने लोगों से अपील की कि वे सोचें कि अपने बच्चों को कहां भेजना ज्यादा जरूरी है।

विधायक ने अपने बयान को सावित्रीबाई फुले के विचारों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह उनकी अपनी बात नहीं, बल्कि सावित्रीबाई फुले की कही बात है। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों में शुद्र शब्द के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यकों को हिंदू धर्मग्रंथों में हिंदू नहीं, बल्कि शुद्र कहा गया है। हमें किसी हिंदू धर्मग्रन्थ में हिंदू नहीं कहा गया है, हमें शूद्र कहा गया है।

विधायक ने ब्राह्मणवाद पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ब्राह्मणवाद को स्वीकार किया, उन्हें क्षत्रिय बना दिया गया। जिन लोगों ने उनकी सेवा की, उन्हें वैश्य बनाया गया। और जिन्होंने ब्राह्मणवाद को नहीं माना, उन्हें शुद्र बना दिया गया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सभी इंसान बराबर हैं और हर इंसान में इंसानियत सबसे ऊपर होनी चाहिए।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब फतेह बहादुर सिंह ने हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी वे दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर चुके हैं। उनके इस बयान से एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है।

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