पटना में यहां मिल रहा फ्री में भरपेट भोजन, सोने को मस्त बेड और ओढ़ने को दो कंबल; जानें

Patna Shelter Facility: पटना नगर निगम ठंड से बचाव के लिए रैन बसेरों में मुफ्त आश्रय और भोजन देगा। सोमवार से यह सुविधा शुरू होगी।

Update: 2024-12-23 04:05 GMT

पटना: बिहार की राजधानी पटना में ठंड से राहत पाने के लिए नगर निगम ने रैन बसेरों में मुफ्त में रहने और खाना खाने की सुविधा शुरू हो रही है। सोमवार से शुरू हो रही इस सेवा के तहत, रजिस्टर में नाम दर्ज करवाने वाले लोगों को रात में भोजन दिया जाएगा। मेयर सीता साहू के निर्देश पर यह व्यवस्था की गई है। रैन बसेरों में रहने वालों को दो कंबल भी दिए जाएंगे ताकि उन्हें ठंड से बचाव मिल सके।

नगर आयुक्त ने खुद रैन बसेरों का निरीक्षण किया और सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। पटना नगर निगम ने शहर में कुल 29 रैन बसेरे बनाए हैं। इनमें 12 जर्मन हैंगर, 6 स्थायी और 11 अस्थायी आश्रय स्थल शामिल हैं। ये रैन बसेरे चौक-चौराहों, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के पास बनाए गए हैं ताकि जरूरतमंदों को आसानी से जगह मिल सके।

दरअसल, ठंड के मौसम में जरूरतमंद लोगों को रात में ठहरने की जगह और खाना मिले, इसके लिए पटना नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। मेयर सीता साहू के आदेश पर सोमवार रात से सभी रैन बसेरों में मुफ्त में रात का खाना दिया जाएगा। जो लोग रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराएंगे, उन्हें यह सुविधा मिलेगी। नगर आयुक्त ने खुद रैन बसेरों का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि रात में ठहरने वालों को सभी जरूरी सुविधाएं मिलनी चाहिए।

ठंड से बचाव के लिए सभी रैन बसेरों में दो कंबल की व्यवस्था की गई है। इससे लोगों को ठंड में राहत मिलेगी। पटना नगर निगम ने शहर में अलग-अलग जगहों पर 29 रैन बसेरे बनाए हैं। इनमें 12 जर्मन हैंगर जैसे मज़बूत ढांचे वाले, 6 स्थायी और 11 अस्थायी आश्रय स्थल हैं। ये रैन बसेरे ऐसे स्थानों पर बनाए गए हैं जहां लोगों की आवाजाही सबसे अधिक होती है, जैसे कि चौक-चौराहे, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड। इससे जरूरतमंद लोगों को आसानी से रैन बसेरा मिल सकता है।

सुरक्षा और साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सभी रैन बसेरों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे निगरानी की जाती है। रैन बसेरों में कुल 907 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस सुविधा का लाभ मिले, इसके लिए समाज कल्याण विभाग के कार्यकर्ता (मोबिलाइजर) खुले में सोने वालों को रैन बसेरे में आने के लिए प्रेरित करेंगे। इससे कोई भी ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर नहीं होगा।

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