झारखंड चुनाव 2024: 68, 10, 2 और एक के साथ NDA निकला आगे, I.N.D.I.A कब करेगा पलटवार?

Jharkhand Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए ने सीट बंटवारे की घोषणा कर दी है। भाजपा ने 68 सीटें खुद रखी हैं और आजसू को 10, जेडीयू को 2 और लोजपा (आर) को 1 सीट दी है।

Update: 2024-10-18 13:52 GMT

झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए ने अपनी सीटों का बंटवारा कर लिया है, जबकि इंडिया गठबंधन अभी भी इस पर मंथन कर रहा है। भाजपा ने अपने लिए 68 सीटें रखी हैं, जबकि आजसू को 10, जेडीयू को 2 और लोजपा (आर) को 1 सीट दी गई है। भाजपा ने इस बार गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है ताकि वोटों का बिखराव रोका जा सके। 2019 में भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ा था और उसे सिर्फ 25 सीटों पर जीत मिली थी।

एनडीए में शामिल सभी दलों ने अपनी क्षमता से अधिक सीटों की मांग की थी, लेकिन अंततः समझौता हो गया। जेडीयू दर्जन भर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता था, जबकि आजसू डेढ़ दर्जन सीटों की मांग कर रहा था। चिराग पासवान ने भी दर्जन भर सीटें मांगी थीं। जीतन राम मांझी की पार्टी HAM भी झारखंड में चुनाव लड़ने की इच्छुक थी। हालांकि, भाजपा ने सभी को मना लिया और सीटों का बंटवारा तय हो गया।

भाजपा ने सीट बंटवारे में देरी की वजह चिराग पासवान का विदेश दौरा बताया है। उनके लौटते ही सीट बंटवारे की घोषणा कर दी गई। भाजपा को उम्मीद है कि इस बार गठबंधन के साथ आने से वोटों का बंटवारा रुकेगा और उसे जीत हासिल होगी।

2019 में भाजपा को 33 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि आजसू को 8 प्रतिशत वोट मिले थे। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाले जेवीएम को 5.4 प्रतिशत वोट मिले थे। बाद में जेवीएम का भाजपा में विलय हो गया। इस तरह भाजपा को उम्मीद है कि इस बार उसे 48.77 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।

दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन में शामिल जेएमएम, आरजेडी और कांग्रेस को 2019 में क्रमशः 18.72 प्रतिशत, 2.75 प्रतिशत और 13.88 प्रतिशत वोट मिले थे। इस तरह इंडिया गठबंधन को कुल मिलाकर 35 प्रतिशत वोट मिले थे।

भाजपा को उम्मीद है कि लोजपा (आर) के साथ आने से दलित वोटरों पर उसकी पकड़ मजबूत होगी, जबकि आजसू के साथ रहने से कुर्मी मतदाता उसके साथ आएंगे। भाजपा की रणनीति इस बार साफ है कि उसे किसी भी कीमत पर वोटों का बंटवारा नहीं होने देना है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि सबसे बात हो गई है और उनकी रजामंदी भी मिल गई है। सीट बंटवारे को लेकर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है। सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे। ऐसे में अब देखना होगा कि झारखंड की जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है।

Similar News