Toll Tax: टोल टैक्स को लेकर आया बड़ा अपडेट, अब ठेकेदार नहीं नेशनल बैंक वसूलेंगे रुपए
Banks Collect Toll Tax: अब टोलिंग का काम नेशनल बैंक को देने की तैयारी चल रही है। सबसे अधिक बोली लगाने वाले बैंक को टोलिंग का काम मिलेगा। इसकी शुरुआत द्वारका एक्सप्रेसवे से होगी।
Banks Collects Toll Tax: नेशनल हाईवे पर गाड़ियों से टोल टैक्स वसूला जाता है। अभी टोल का ठेका सड़क निर्माण करने वाली कपंनियों के पास होता है। अब इस नियम में बदलाव होने वाला है। अब नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स की वसूली नेशनल बैंक्स करेंगे। इसके लिए एनएचएआई ने तैयारी कर ली है। टेंडर निकलने के बाद नेशनल बैंक्स टोल के लिए बोली लगाएंगी।
इसकी शुरुआत द्वारका एक्सप्रेसवे से होने जा रही है। नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया ने देश के इस पहले मल्टी लेन फ्री फ्लो टोल कलेक्शन अथॉरिटी ने बैंकों से बोलियां मांगी हैं। वहीं, जो बैंक एनएचएआई को अधिक हिस्सेदारी देगी, उसे टोलिंग के अधिकार मिलेंगे। यह अधिकतम तीन साल के लिए दिया जाएगा। वहीं, जिस बैंक को यह काम मिलेगा, उन्हें तीन महीने के अंदर सिस्टम को लागू करना होगा।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार एमएलएफएफ टोलिंग स्क्रैच पर टोल वसूलने के लिए आम टोल प्लाजा की तरह कोई सिस्टम नहीं होगा। इस टोलिंग सिस्टम में आप जैसे ही प्रवेश करेंगे, गैंट्री पर लगे फील्ड उपकरण और सेंसर शामिल होंगे, जो गुजरने वाले वाहनों की जानकारी देंगे।
साथ ही यहां से गुजरने वाली गाड़ियों की जो रकम बनेगी, इसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम को भेज दी जाएगी। यह सिस्टम फास्टैग वॉलेट से टोल की रकम को काट लेगा।
यह एक्सप्रेसवे 28 किमी लंबा है। इसमें सिर्फ दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर केवल एक टोलिंग प्वाइंट होगा। इसकी दूरी दिल्ली की ओर से 9 किमी है। सिर्फ इसी प्वाइंट से गुजरने वाले वाहनों को टोल टैक्स देना होगा। यह टोल कितना लगेगा। इसे लेकर सरकार की तरफ से अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुआ है।
हालांकि बैंक सीधे नहीं कोई वसूली नहीं करेंगे। उनके काम के लिए एनएचएआई की सहायक कंपनी आईएचएमसीएल ने उन्हें काम करने के लिए सेमी कॉन्ट्रैक्टर को नियुक्त करने की अनुमति दी है। इनके पास करीब 200 किमी तक की दूरी की टोल वसूली का अनुभव हो।
साथ ही बैंकों से टोल वसूली में पारदर्शिता में आएगी और राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही लोगों की परेशानी भी कम होगी।