Google को 15 साल बाद करारी हार, लगा 21,800 करोड़ रुपए का जुर्माना

Google News: गूगल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 21800 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। गूगल पर आरोप है कि कंपनी ने मोनोपोली का गलत इस्तेमाल किया है।

Update: 2024-10-29 15:24 GMT

Fine On Google: गूगल को करारा झटका लगा है। 15 साल बाद गूगल को हार का सामना करना पड़ा। गूगल पर आरोप है कि उसने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया है। इसी को लेकर कोर्ट ने जुर्माना लगाया। गूगल पर 2.4 अरब डॉलर का फाइन लगा है। भारतीय रुपए में गूगल को 21,800 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है। कोर्ट का यह फैसला 15 साल बाद आया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार शिवान और एडम रफ की वेबसाइट फाउंडम को गूगल सर्च एल्गोरिद्म द्वारा पेनालाइज कर दिया गया था। इस मामले पर गूगल पर साल 2017 में यूरोपियन कमीशन ने फाइन लगाया था। इसके बाद गूगल इस फाइन के खिलाफ यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस गया था। यहां से गूगल की अपील का खारिज कर दिया गया है। अब गूगल को यह जुर्माना भरना पड़ेगा।

ये है पूरा मामला

साल 2006 में राफ ने नौकरी छोड़कर फाउंडेम को शुरू किया था। यह वेबाइसट ही था और इस पर यूजर्स इलेक्ट्रॉनिक्स, फ्लाइट और अन्य आइटम्स के रेट कंपेयर करते थे। राफ और शिवाऊन ने कहा है कि उनकी वेबसाइट को गूगल ने प्राइस कंपैरिजन और कंपैरिजन शॉपिंग जैसे की वर्ड्ल के सर्च रिजल्ट में नीचे कर दिया।

फरियादी ने कहा कि हम लगातार अपनी वेबसाइट को मॉनिटर कर रहे थे। साथ ही देख रहे थे कि हमारा वेबसाइट लगातार रैंक कर रहा है। अचानक से यह घटने लगा। पहले तो हमें लगा कि ये कोलैटरल डैमेज है। हो सकता है कि हम स्पैम डेटिक्ट हुए होंगे। बाद में हम सुधार की कोशिश करने लगे।

वेबसाइट संचालकों को लगा कि ये एक टेक्निकल दिक्कत है और जल्द ही दूर हो जाएगी। दो साल बाद भी इनकी वेबसाइट रैंक नहीं कर रही थी। वहीं, दूसरे सर्च इंजन पर उनकी वेबसाइट अच्छी तरह से काम कर रही थी। इसके बाद गूगल के पास कई रिक्वेस्ट भेजे लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। इसके बाद वेबसाइट संचालक ने यूके और यूएस में रेगुलेटरी संस्थाओं के पास पहुंचे।

2017 में यूरोपियन कमीशन ने गूगल के खिलाफ फैसला सुना दिया। जांच में पाया कि गूगल ने मार्केट में अपनी पकड़ का गलत इस्तेमाल किया। इसमें गूगल को दोषी पाया गया। कोर्ट ने गूगल पर 2.4 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया। वहीं, एडम और शिवाउन को काफी नुकसान हुआ। इसकी वजह से फाउंडेम को 2016 में उन्हें बंद करना पड़ा। इस लड़ाई में 15 साल बाद गूगल को झटका लगा है। 

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