मेरठ-लखनऊ वंदे भारत अब यूपी के इस जिले तक चलेगी, जानें क्या है तैयारी

मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को कम यात्रियों के कारण घाटा हो रहा है। यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए ट्रेन का विस्तार वाराणसी तक करने की योजना है। वंदे भारत का चेयर कार किराया 1,355 रुपये और एग्जीक्यूटिव क्लास का 2,415 रुपये है। वाराणासी तक इसका विस्तार होने से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।

By :  N Nath
Update: 2024-12-11 07:07 GMT

नई दिल्ली: रेलवे प्रशासन ने मेरठ से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की, जिसे शुरुआत में अच्छा रिस्पांस मिला। हालांकि, वर्तमान में लखनऊ से मेरठ के लिए यात्री तो मिल रहे हैं, लेकिन मेरठ से लखनऊ जाने वाले यात्रियों की संख्या कम है, जिससे रेलवे को घाटा हो रहा है। इसे सुधारने के लिए रेलवे ने ट्रेन का विस्तार वाराणसी तक करने की योजना बनाई है।

मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को वाराणसी तक ले जाने का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की संख्या बढ़ाना है। इसके लिए उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल को सर्वे कर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

गाड़ी संख्या 22490 वंदे भारत एक्सप्रेस में मेरठ से लखनऊ जाने वाली चेयर कार की सीटें 11 से 15 दिसंबर तक क्रमशः 302, 343, 353, 347 और 324 खाली थीं। चेयर कार का किराया 1,355 रुपये है। एग्जीक्यूटिव क्लास में भी इन्हीं तारीखों पर 12, 18, 32, 28 और 5 सीटें खाली थीं, जिसका किराया 2,415 रुपये है।

हालांकि, वंदे भारत एक्सप्रेस की हाई-स्पीड और लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद, मेरठ और लखनऊ के बीच यात्रियों की संख्या ट्रेन की क्षमता के केवल 40 प्रतिशत तक सीमित है। इसके पीछे मुख्य कारणों में वंदे भारत का अधिक किराया और इसके समानांतर राज्य रानी ट्रेन की उपलब्धता मानी जा रही है।

वंदे भारत में एसी चेयर कार का किराया लखनऊ तक 1,355 रुपये है, जबकि राज्य रानी में यह केवल 645 रुपये है। राज्य रानी में थर्ड एसी का किराया 790 रुपये और सेकंड एसी का 1,100 रुपये है, जो वंदे भारत की एग्जीक्यूटिव क्लास के 2,415 रुपये के मुकाबले काफी कम है। इसके अलावा, वंदे भारत और राज्य रानी के बीच यात्रा समय में केवल डेढ़ घंटे का अंतर है, जिससे यात्री वंदे भारत की बजाय राज्य रानी को प्राथमिकता दे रहे हैं।

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